छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, 8 नक्सलियों को मार गिराया गया

अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम 8 नक्सली मारे गए हैं. ड्यूटी के दौरान एक जवान की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए। पिछले दो दिनों से नारायणपुर जिले में लंबी गोलीबारी चल रही है। संयुक्त ऑपरेशन में नारायणपुर-कोंडागांव-कांकेर-दंतेवाड़ा डीआरजी, एसटीएफ और आईटीबीपी की 53वीं बटालियन की फोर्स शामिल है।इसे भी पढ़ें: Chandni Chowk Fire incident | दिल्ली पुलिस ने 110 से अधिक दुकानों के जलकर खाक होने पर एफआईआर दर्ज कीअबूझमाड़ एक पहाड़ी वन क्षेत्र है जो नारायणपुर, बीजापुर जिले और दंतेवाड़ा जिलों में आता है। यह 4000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। भौगोलिक रूप से पृथक और काफी हद तक दुर्गम, यह क्षेत्र माओवादियों की गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के सबसे बड़े अभियानों में से एक मेकांकेर इलाके में अप्रैल के महीने में 29 नक्सली मारे गए और उनके शव बरामद किए गए थे। छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि तलाशी अभियान अभी भी जारी है। 29 माओवादियों में से एक दर्जन से अधिक महिलाएं थीं जो घातक हथियार चला रही थीं और जब सेना ने उन पर ह

छत्तीसगढ़ के बस्तर में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन, 8 नक्सलियों को मार गिराया गया
अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कम से कम 8 नक्सली मारे गए हैं. ड्यूटी के दौरान एक जवान की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गए। पिछले दो दिनों से नारायणपुर जिले में लंबी गोलीबारी चल रही है। संयुक्त ऑपरेशन में नारायणपुर-कोंडागांव-कांकेर-दंतेवाड़ा डीआरजी, एसटीएफ और आईटीबीपी की 53वीं बटालियन की फोर्स शामिल है।

इसे भी पढ़ें: Chandni Chowk Fire incident | दिल्ली पुलिस ने 110 से अधिक दुकानों के जलकर खाक होने पर एफआईआर दर्ज की

अबूझमाड़ एक पहाड़ी वन क्षेत्र है जो नारायणपुर, बीजापुर जिले और दंतेवाड़ा जिलों में आता है। यह 4000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। भौगोलिक रूप से पृथक और काफी हद तक दुर्गम, यह क्षेत्र माओवादियों की गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के सबसे बड़े अभियानों में से एक मेकांकेर इलाके में अप्रैल के महीने में 29 नक्सली मारे गए और उनके शव बरामद किए गए थे। छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि तलाशी अभियान अभी भी जारी है। 29 माओवादियों में से एक दर्जन से अधिक महिलाएं थीं जो घातक हथियार चला रही थीं और जब सेना ने उन पर हमला किया तो वे पुरुषों की रक्षा करने की कोशिश कर रही थीं। 

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सीमा सुरक्षा बल के दो जवानों और राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के एक कर्मी सहित तीन सुरक्षाकर्मियों को चोटें आई हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अगर यह आंकड़ा 30 से अधिक नक्सलियों की मौत को पार कर जाता है, तो यह पिछले 10 वर्षों में बलों द्वारा किया गया सबसे बड़ा ऑपरेशन होगा। साल 2024 की शुरुआत से अब तक माओवादियों के गढ़ बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 79 नकस्ली मारे गए थे।  

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