ग्रेटर निकोबार परियोजना की न्यायिक पड़ताल हो चुकी है, आदिवासी आबादी नहीं होगी प्रभावित: भूपेंद्र

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्रेट निकोबार परियोजना को मंजूरी संभावित पारिस्थितिक प्रभावों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद दी गई है और इससे जनजातीय आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश द्वारा 10 अगस्त को लिखे गए पत्र के जवाब में यादव ने 21 अगस्त को कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा दी गई पर्यावरण एवं वन मंजूरी की न्यायिक पड़ताल हो चुकी है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम (एएनआईआईडीसीओ) की इस परियोजना में एक ‘ट्रांसशिपमेंट’ बंदरगाह, एक हवाई अड्डा, एक बिजली संयंत्र और 160 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में एक ‘ग्रीनफील्ड’ टाउनशिप का निर्माण शामिल है। मंत्री ने कहा कि यह परियोजना राष्ट्रीय, रक्षा और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है और यह दावा करना गलत होगा कि इससे ग्रेट निकोबार द्वीप के आदिवासी समुदायों और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

ग्रेटर निकोबार परियोजना की न्यायिक पड़ताल हो चुकी है, आदिवासी आबादी नहीं होगी प्रभावित: भूपेंद्र

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्रेट निकोबार परियोजना को मंजूरी संभावित पारिस्थितिक प्रभावों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद दी गई है और इससे जनजातीय आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश द्वारा 10 अगस्त को लिखे गए पत्र के जवाब में यादव ने 21 अगस्त को कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा दी गई पर्यावरण एवं वन मंजूरी की न्यायिक पड़ताल हो चुकी है।

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम (एएनआईआईडीसीओ) की इस परियोजना में एक ‘ट्रांसशिपमेंट’ बंदरगाह, एक हवाई अड्डा, एक बिजली संयंत्र और 160 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में एक ‘ग्रीनफील्ड’ टाउनशिप का निर्माण शामिल है।

मंत्री ने कहा कि यह परियोजना राष्ट्रीय, रक्षा और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है और यह दावा करना गलत होगा कि इससे ग्रेट निकोबार द्वीप के आदिवासी समुदायों और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

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