कहानी चुनाव की: जब Ballot Paper छपवाने में लगा था 180 टन कागज, 3 लाख 89 हज़ार स्याही की शीशियों का हुआ इस्तेमाल

भरूच में विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी के बीच एक बैठक में वस्तुतः बोलते हुए देश के प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार कहा कि एक बहुत वरिष्ठ विपक्षी नेता ने एक बार उनसे पूछा था कि दो बार पीएम बनने के बाद उनके पास करने के लिए और क्या बचा है? मोदी ने कहा कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक देश में सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत कवरेज नहीं हो जाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 10 साल पूरे होने को है और पहले चरण की 102 सीटों पर मतदान के साथ आम चुनाव का आगाज हो गया है। आज से करीब 72 साल पहले 25 अक्टूबर को भारत में लोकसभा का पहला चुनाव शुरू हुआ। जो लगभग पांच महीनों तक चला था। लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक ऐसी ही दिलचस्प कहानी आज आपको बताएंगे। इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल की तीन लोक सभा सीट पर दोपहर तीन बजे तक 66 प्रतिशत से अधिक मतदाननासिक के सिक्यॉरिटी प्रेस से छपवाए गए मतपत्रपहले आम चुनाव के वक्त लोकसभा के साथ कुछ विधानसभाओं के चुनाव भी कराए गए थे। चुनाव आयोग ने तय किया कि लोकसभा चुनाव के मतपत्रों पर ऑलिव ग्रीन कलर का एक चौड़ी वर्टिकल लाइन प्रिंट की जाएगी और असेंबली इलेक्शन के बैलेट

कहानी चुनाव की: जब Ballot Paper छपवाने में लगा था 180 टन कागज,  3 लाख 89 हज़ार स्याही की शीशियों का हुआ इस्तेमाल
भरूच में विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी के बीच एक बैठक में वस्तुतः बोलते हुए देश के प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार कहा कि एक बहुत वरिष्ठ विपक्षी नेता ने एक बार उनसे पूछा था कि दो बार पीएम बनने के बाद उनके पास करने के लिए और क्या बचा है? मोदी ने कहा कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक देश में सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत कवरेज नहीं हो जाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के 10 साल पूरे होने को है और पहले चरण की 102 सीटों पर मतदान के साथ आम चुनाव का आगाज हो गया है। आज से करीब 72 साल पहले 25 अक्टूबर को भारत में लोकसभा का पहला चुनाव शुरू हुआ। जो लगभग पांच महीनों तक चला था। लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक ऐसी ही दिलचस्प कहानी आज आपको बताएंगे। 

इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल की तीन लोक सभा सीट पर दोपहर तीन बजे तक 66 प्रतिशत से अधिक मतदान

नासिक के सिक्यॉरिटी प्रेस से छपवाए गए मतपत्र
पहले आम चुनाव के वक्त लोकसभा के साथ कुछ विधानसभाओं के चुनाव भी कराए गए थे। चुनाव आयोग ने तय किया कि लोकसभा चुनाव के मतपत्रों पर ऑलिव ग्रीन कलर का एक चौड़ी वर्टिकल लाइन प्रिंट की जाएगी और असेंबली इलेक्शन के बैलेट पेपर पर यही लाइन चॉकलेट कलर में होगी। ये सभी मतपत्र नासिक के सिक्यॉरिटी प्रेस से छपवाए गए ताकि डिजाइन में किसी भी तरह का अंतर न. हो। इन बैलट पेपर के लिए वॉटरमार्क्स पेपर का इस्तेमाल किया गया। 
हैदराबाद कंपनी ने बनाए बैलेट बॉक्स
हैदराबाद में ऑलविन कंपनी के बनाए बैलट बॉक्स में मतपत्र डालने की जगह केवल एक इंच की होने के चलते वहां के लिए बैलट पेपर की चौड़ाई कम की गई। किसी भी बैलट पेपर पर उम्मीदवारों के नाम नहीं छापे गए थे। हर उम्मीदवार के लिए बैलट बॉक्स ही अलग रंग का रख दिया गया था। बॉक्स पर ही उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न लगा दिया गया था।

इसे भी पढ़ें: भाई मोहम्मद शमी ने जो कमाल किया.. प्रधानमंत्री मोदी ने अमरोहा में सभा के दौरान किया क्रिकेटर का जिक्र

कुछ जगहों पर मतदानकर्मी हो गए कन्फ्यूज
मतपत्रों के मामले में कुछ जगहों पर गड़बड़ी भी हुई। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के अलग-अलग बैलट पेपर पर ओलिव ग्रीन और चॉकलेट कलर की लाइनें बनाई गई थीं। पिंक बैकग्राउंड होने के चलते कुछ जगहों पर मतदानकर्मी इनमें फर्क नहीं कर सके।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0