तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा के सोमवार से शुरू होने वाले 28 दिवसीय सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है। विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) राज्य की वामपंथी सरकार पर हाल में शराब नीति विवाद से लेकर लोकसभा चुनाव में उसकी जबरदस्त हार तक कई मुद्दों को लेकर निशाना साध सकता है। लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद पहली बार सदन की बैठक हो रही है। इस चुनाव में यूडीएफ ने 18 सीट पर जीत दर्ज की जबकि सत्तारूढ़ वाम लोकतान्त्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक-एक सीट मिली है।
यूडीएफ विधायक जहां आम चुनाव में अपनी ऐतिहासिक सफलता के बाद पुनः आत्मविश्वास के साथ सत्र में भाग लेंगे, वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले एलडीएफ के विधायक अपनी हार से उभरने का प्रयास करेंगे। सदन में दोनों पारंपरिक मोर्चों के बीच त्रिशूर लोकसभा सीट पर भाजपा द्वारा भारी बहुमत से जीत दर्ज कर केरल में अपना पहला खाता खोलने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी देखने को मिल सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर ने शनिवार को कहा था कि 15वीं केरल विधानसभा का 11वां सत्र 10 जून से शुरू होगा और 25 जुलाई को समाप्त होगा। उन्होंने कहा था कि 28 दिवसीय सत्र वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा करने और उन्हें पारित करने के लिए बुलाया जा रहा है।