केंद्र ने दिल्ली सरकार के विज्ञापनों के मामले में दो DANICS अधिकारियों को निलंबित किया
केंद्र ने दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर कथित ‘अनावश्यक खर्च’ के मामले में दो दानिक्स अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निलंबित किए गए अधिकारी - शमीम अख्तर और मनोज द्विवेदी पहले दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय के निदेशक के रूप में तैनात थे। शुक्रवार को जारी अलग-अलग आदेशों में, गृह मंत्रालय ने कहा कि अख्तर और द्विवेदी को केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप सिविल सेवा (दानिक्स) के 1996 बैच के अधिकारी अख्तर वर्तमान में दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग में तैनात हैं, जबकि द्विवेदी (दानिक्स, 2003) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तैनात थे। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस साल जनवरी में गृह मंत्रालय को दोनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी। इस मामले की शिकायत कांग्रेस की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने 2016 में उपराज्यपाल कार्या

केंद्र ने दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर कथित ‘अनावश्यक खर्च’ के मामले में दो दानिक्स अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निलंबित किए गए अधिकारी - शमीम अख्तर और मनोज द्विवेदी पहले दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय के निदेशक के रूप में तैनात थे।
शुक्रवार को जारी अलग-अलग आदेशों में, गृह मंत्रालय ने कहा कि अख्तर और द्विवेदी को केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप सिविल सेवा (दानिक्स) के 1996 बैच के अधिकारी अख्तर वर्तमान में दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग में तैनात हैं, जबकि द्विवेदी (दानिक्स, 2003) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तैनात थे।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस साल जनवरी में गृह मंत्रालय को दोनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी। इस मामले की शिकायत कांग्रेस की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन ने 2016 में उपराज्यपाल कार्यालय में दर्ज कराई थी।
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