उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पेंशन लाभों की गणना में भेदभाव नहीं किया जा सकता

उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पेंशन लाभों की गणना में इस आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है कि वे बार या जिला न्यायपालिका से पदोन्नत हुए थे या नहीं। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को यह बात कही। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, जिसे जिला न्यायपालिका से पदोन्नत किया गया था, के पेंशन लाभ की गणना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनके अंतिम आहरित वेतन के आधार पर की जानी चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। पीठ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश के पेंशन लाभ से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी।

उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पेंशन लाभों की गणना में भेदभाव नहीं किया जा सकता

उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पेंशन लाभों की गणना में इस आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है कि वे बार या जिला न्यायपालिका से पदोन्नत हुए थे या नहीं।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को यह बात कही। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, जिसे जिला न्यायपालिका से पदोन्नत किया गया था, के पेंशन लाभ की गणना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनके अंतिम आहरित वेतन के आधार पर की जानी चाहिए।

पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। पीठ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश के पेंशन लाभ से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0