चिकित्सा के क्षेत्र में बैंडेड यानी पट्टियां सबसे अहम और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति है। किसी चोट लगने पर, या अन्य परेशानी होने पर बैंडेड की जरुरत सबसे अधिक होती है। इसके जरिए ही चोट ठीक की जाती है। हालाँकि अब ये माना जा रहा है कि आमतौर पर मिलने वाली सफेद रंग की पट्टियों में नया बदलाव आ सकता है।
दरअसल रिसर्चर्स अब स्मार्ट बैंडेज बनाने पर काम कर रहे है। ये आम और साधारण बैंडेज से उलट उच्च तकनीक वाली बैंडेड है। ये घाव या चोट के ठीक होने की प्रक्रिया की पूरी निगरानी करती है। किसी चोट के ठीक होने के मूल्यांकन, प्रतिक्रिया पर गौर कर सकता है। इससे उपचार की प्रक्रिया में भी तेजी आ सकती है। इनमें से कुछ संस्करण चिकित्सा पेशेवरों को दूर से भी देखभाल करने की सुविधा देंगे।
जानें स्मार्ट बैंडेज के बारे में
नए स्मार्ट बैंडेज छोटे सेंसर से लैस होंगे जो घावों की उपचार प्रक्रिया को ट्रैक कर सकते हैं। इन बैंडेज के बारे में कुछ समय पहले ही वॉल स्ट्रीट जर्नल के पॉडकास्ट में चर्चा हुई थी। नए स्मार्ट बैंडेज बेहतर माइक्रोसिस्टम और लचीले इलेक्ट्रॉनिक्स से लैस हैं और तेजी से बढ़ते पहनने योग्य टेक्नोलॉजी बाजार का हिस्सा हैं। उदाहरण के लिए, रक्षा विभाग की अनुसंधान शाखा ने घाव भरने को बढ़ावा देने के लिए बायोइलेक्ट्रॉनिक्स के विकास को समर्थन देने के लिए 55 मिलियन डॉलर की घोषणा की है।
हालांकि एक छोटे से कट या खरोंच के लिए शायद इतनी उच्च तकनीक वाली बैंडेज की जरुरत नहीं होगी लेकिन अस्पताल में उपचारित गंभीर घावों या पुराने घावों के लिए यह बहुत लाभकारी होगी। इनमें से कई नई बैंडेज अभी भी प्रारंभिक अवस्था में हैं। प्रारंभिक दौर में होने के कारण ये बैंडेज जल्द ही बाजार में लॉन्च नहीं हो पाएंगी। इनमें से कुछ का परीक्षण तो मनुष्यों या पशुओं पर किया जा रहा है, जबकि अन्य अभी भी प्रयोगशाला में हैं। यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि बीमा के जरिए इन्हें कैसे कवर किया जा सकेगा। स्मार्ट बैंडेज का उत्पादन पारंपरिक उपकरणों की तुलना में अधिक महंगा हो सकता है। डब्ल्यूएसजे के शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि संक्रमण का शीघ्र निदान और उपचार अंततः जीवन बचा सकता है और चिकित्सा व्यय को कम कर सकता है। वर्तमान में कई शोधकर्ता अमेरिका, चीन, यूरोप में हैं जो स्मार्ट बैंडेज पर काम कर रहे है।
दूरस्थ देखभाल की संभावना
पारंपरिक या बुनियादी पट्टियों से अलग, स्मार्ट पट्टियाँ विद्युत सर्किटरी के एक भाग के साथ आती हैं, जिसे जेब से निकाला जा सकता है और जब भी आवश्यकता हो, नई पट्टी लगाई जा सकती है। कई सर्किट लचीले होते हैं, जैसे कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व वाली शोध टीम द्वारा बनाया गया और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) में 2022 की रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया। चिकित्सा सम्मेलनों और प्रदर्शनियों में अब स्मार्ट बैंडेज के विभिन्न संस्करण देखने को मिलते हैं। उनमें से कई में छोटे-छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे होते हैं जो वायरलेस तरीके से डॉक्टर को यह जानकारी दे सकते हैं कि घाव कैसे ठीक हो रहा है। इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि ये स्वास्थ्य सेवा के केंद्र बन सकते है। ये वास्तव में चिकित्सा क्षेत्र का भविष्य हो सकते है।
विभिन्न प्रकार के स्मार्ट बैंडेज
इलेक्ट्रोथेरेपी देने वाली स्मार्ट बैंडेज - पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय और रटगर्स विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा चूहों पर एक ऐसी बेंडेज का टेस्ट किया जा रहा है जो बीमारी का पता लगा सकती है। जल्दी ठीक और स्वस्थ होने के लिए विद्युत चिकित्सा या बिजली का झटका दे सकती है। यह तकनीक कई अध्ययनों के अनुरूप है, जो दर्शाते हैं कि विद्युत उत्तेजना प्रतिरक्षा कोशिका प्रवास को बढ़ाकर चोट के स्थान पर बैक्टीरिया और मृत कोशिकाओं को नष्ट करके घाव भरने में सुधार कर सकती है। बैंडेज एक सेलफोन ऐप के माध्यम से रिपोर्ट भेजेगा। एक्सपर्ट की मानें तो पट्टी घाव के संकेतों को वास्तविक समय में चिकित्सक तक पहुंचाने में सक्षम होगी, इसलिए अगर कुछ भी नाटकीय रूप से गलत हो रहा है तो वे सतर्क हो जाएंगे। इसके अलावा पट्टी में एंटीबायोटिक्स भी हो सकते हैं, जिन्हें हाइड्रोजेल या छोटे कैप्सूल में रखा जा सकता है।
संक्रमण हो जाए, तो डॉक्टर दूर से ही वाल्व खोलने और उस स्थान पर सीधे मरहम लगाने का निर्देश दे सकता है। एंटीबायोटिक का समय पर वितरण और घाव को आसानी से भरने से कोलेजन की अधिकता को रोका जा सकेगा, जिससे निशान पड़ सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अगले साल टीम मानव परीक्षण शुरू करने का इरादा रखती है।
इलेक्ट्रोड युक्त बैंडेज
दो इलेक्ट्रोडों के साथ - एक घाव के ऊपर और दूसरा उसके चारों ओर रखा जाता है - स्मार्ट बैंडेज का दूसरा संस्करण घाव की नमी का पता लगाने के लिए विद्युत धाराओं का उपयोग करता है। अधिक शुष्क वातावरण यह दर्शाता है कि घाव भरने की प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है। वहीं वातावरण में मौजूद नमी यह बताती है कि घाव अभी भी भरने का प्रयास कर रहा है। ऐसी स्थिति में वायरलेस प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए, यह पट्टी डॉक्टर को इलेक्ट्रोथेरेपी देने के लिए इलेक्ट्रोड को दूर से ही प्रोग्राम करने की अनुमति देती है, जो नई त्वचा कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं के निर्माण को उत्तेजित करती है।
यह प्रणाली बैंडेज में शामिल एक छोटे कॉइल द्वारा संचालित होती है, जो वायरलेस चार्जिंग स्मार्टफोन में देखी जाने वाली कॉइल की तरह होती है। संपूर्ण विद्युत उपकरण को सुरक्षा के लिए पारदर्शी टेप द्वारा परिरक्षित किया जाता है। संपूर्ण पट्टी अपना उद्देश्य पूरा होने के बाद घुल जाती है, क्योंकि इलेक्ट्रोड मोलिब्डेनम से बने होते हैं, जो एक ऐसी धातु है जो इतनी पतली होती है कि जैविक रूप से विघटित हो सकती है। संभावना है कि अगले वर्ष शोधकर्ता दोनों बैंडों का परीक्षण मनुष्यों पर शुरू करना चाहते हैं।
एलईडी वाला बैंडेज
इंग्लैंड के साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी में एक ग्रुप अन्य संभावनाओं पर काम कर रहा है। इनमें से एक बैंडेज ऐसी है जो छोटे एलईडी बल्बों के माध्यम से पराबैंगनी-सी प्रकाश उत्सर्जित करके घाव को ठीक होने के दौरान रोगाणुरहित बनाती है। हालांकि इस बैंडेज का अभी तक किसी पशु पर परीक्षण नहीं हुआ है।
सिर्फ घाव के लिए नहीं है बैंडेज
इंजीनियरिंग प्रोफेसर स्टीव बीबी के नेतृत्व में साउथेम्प्टन टीम एक ऐसी बैंडेज का विकास कर रही है जिसमें ऐसे सेंसर का उपयोग किया जाएगा जो नमी का पता लगा सकता है। इसमें सेंसर की मदद से एटोपिक डर्माटाइटिस का पता लगता है। एटोपिक डर्माटाइटिस एक सामान्य प्रकार का एक्जिमा है जो फटी और शुष्क त्वचा का कारण बनता है। डॉक्टरों को जानकारी प्राप्त होती है, जिसका उपयोग वे उपचार की प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए कर सकते हैं।
जानें क्यों है स्मार्ट बैंडेज की आवश्यकता
घाव संबंधी जटिलताओं का सामना करने वाले रोगियों में एक महत्वपूर्ण अनुपात मधुमेह रोगियों का है। अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का अनुमान है कि 2020 में 160,000 वयस्क मधुमेह रोगियों को अंग-विच्छेदन के लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होगी। जर्नल ऑफ मेडिकल इकोनॉमिक्स में प्रकाशित एक अध्ययन के आधार पर, मेडिकेयर ने 2019 में सभी पुराने घावों के इलाज पर अनुमानित 22.5 बिलियन डॉलर खर्च किए।