World Population Day 2024: हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस, जानिए इतिहास

हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को तेजी से बढ़ती जनसंख्या से होने वाली चुनौतियों के प्रति जागरुक करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। साल 2023 में भारत की जनसंख्या करीब 1.4 अरब के आसपास है। ऐसे में साल 2030 तक भारत की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बनने का अनुमान है।दुनिया के सबसे बड़े और घनी आबादी वाले देशों में भारत का नाम भी शामिल है। भारत जनसंख्या मामले में सिर्फ चीन से पीछे हैं। लेकिन संभावना है कि आने वाले कुछ सालों में यह चीन को भी पीछे छोड़ सकता है। ऐसे में इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए और बढ़ती जनसंख्या से होने वाली चुनौतियों के प्रति लोगों को जागरुक करना है। तो आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास, उद्देश्य और महत्व के बारे में।कब मनाया विश्व जनसंख्या दिवसबता दें कि हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिन गर्भनिरोधक और परिवार नियोजन के महत्व के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य परिवार नि

World Population Day 2024: हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस, जानिए इतिहास
हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को तेजी से बढ़ती जनसंख्या से होने वाली चुनौतियों के प्रति जागरुक करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन के मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। साल 2023 में भारत की जनसंख्या करीब 1.4 अरब के आसपास है। ऐसे में साल 2030 तक भारत की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बनने का अनुमान है।

दुनिया के सबसे बड़े और घनी आबादी वाले देशों में भारत का नाम भी शामिल है। भारत जनसंख्या मामले में सिर्फ चीन से पीछे हैं। लेकिन संभावना है कि आने वाले कुछ सालों में यह चीन को भी पीछे छोड़ सकता है। ऐसे में इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए और बढ़ती जनसंख्या से होने वाली चुनौतियों के प्रति लोगों को जागरुक करना है। तो आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास, उद्देश्य और महत्व के बारे में।

कब मनाया विश्व जनसंख्या दिवस
बता दें कि हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिन गर्भनिरोधक और परिवार नियोजन के महत्व के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, गरीबी, जनसंख्या विस्फोट, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों जैसे अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है।

इतिहास
साल 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने की शुरूआत की गई थी। साल 1987 तक दुनिया की जनसंख्या करीब 5 अरब के आसपास पहुंच गई थी। जिसको लेकर सभी देश चिंता जताने लगे थे। ऐसे में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और इससे जुड़े मुद्दों की ओर वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित हुआ। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने का फैसला किया।

उद्देश्य और महत्व

परिवार नियोजन
विश्व जनसंख्या दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को परिवार नियोजन के महत्व के बारे में जागरुक करना है। संसाधनों की सहायता और सही जानकारी होने पर परिवार की योजना बना सकते हैं। साथ ही अपने और परिवार के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

जनसंख्या विस्फोट
बता दें कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या कई समस्याओं को जन्म देती है। जैसे कि जनसंख्या बढ़ने पर जीवन स्तर में गिरावट, पर्यावरण प्रदूषण और संसाधनों में कमी आदि शामिल है। ऐसे में विश्व जनसंख्या दिवस मनाकर लोगों को इस बारे में जागरुक किया जाता है।

महिला सशक्तिकरण
परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दों में महिलाओं की भूमिका काफी अहम होती है। इस दिन महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने का काम किया जाता है। साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तमाम तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

स्वास्थ्य सेवाएं
विश्व जनसंख्या दिवस को मनाए जाने का एक अन्य मुख्य उद्देश्य मातृ स्वास्थ्य और नवजात स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है। क्योंकि उचित स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से ही मातृ और शिशु दर को कम किया जा सकता है।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0