World Malaria Day 2024: हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस, जानिए इतिहास और महत्व

मलेरिया एक ऐसा संक्रमण है, जिसके माले तेजी से दुनियाभर में बढ़ते जा रहे हैं। हर साल करोड़ों लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं और हर साल लाखों की संख्या में लोग अपनी जान गंवाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में मलेरिया से 249 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे। वहीं मलेरिया के कारण 60,8000 लोगों की मौत तक हुई थी। इसके प्रति लोगों को जागरुक किए जाने के लिए हर साल 25 अप्रलै को मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य मलेरिया की रोकथाम कर लोगों की जान बचाना है।विश्व मलेरिया दिवस का इतिहासविश्व मलेरिया दिवस को मनाए जाने की शुरूआत साल 2000 से हुई थी। तब इसे अफ्रीका मलेरिया डे के नाम से जाना जाता था। वहीं साल 2008 में इसके नाम में बदलाव कर इसे वर्ल्ड मलेरिया डे रखा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित किए जाने वाली वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के 60वें सेशन दौरान यह किया गया था। इसके बाद साल 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2030 तक मलेरिया के 90 प्रतिशत मामलों को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।विश्व मलेरिया दिवस मनाए जाने का मकसद इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को

मलेरिया एक ऐसा संक्रमण है, जिसके माले तेजी से दुनियाभर में बढ़ते जा रहे हैं। हर साल करोड़ों लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं और हर साल लाखों की संख्या में लोग अपनी जान गंवाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में मलेरिया से 249 मिलियन लोग प्रभावित हुए थे। वहीं मलेरिया के कारण 60,8000 लोगों की मौत तक हुई थी। इसके प्रति लोगों को जागरुक किए जाने के लिए हर साल 25 अप्रलै को मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य मलेरिया की रोकथाम कर लोगों की जान बचाना है।

विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास
विश्व मलेरिया दिवस को मनाए जाने की शुरूआत साल 2000 से हुई थी। तब इसे अफ्रीका मलेरिया डे के नाम से जाना जाता था। वहीं साल 2008 में इसके नाम में बदलाव कर इसे वर्ल्ड मलेरिया डे रखा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित किए जाने वाली वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के 60वें सेशन दौरान यह किया गया था। इसके बाद साल 2016 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2030 तक मलेरिया के 90 प्रतिशत मामलों को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।

विश्व मलेरिया दिवस मनाए जाने का मकसद 
इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मलेरिया के प्रति जागरुक करना है। इस दिन तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। वहीं कई स्वास्थ्य संगठन और हेल्थ एजेंसिंया एकत्र होकर लोगों को बताते हैं कि यह वायरस स्वास्थ्य के लिए कितना अधिक हानिकारक साबित हो सकता है। यदि आपको इस वायरस के बारे में पता चलता है, तो इसके इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए।

इस साल की थीम  
विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर हर साल अलग-अलग थीम रखी जाती है। इस बार यानी की साल 2024 की थीम अधिक न्यायसंगत विश्व के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना है। इस थीम के जरिए लोगों को मलेरिया संक्रमण के प्रति अधिक से अधिक ध्यान देने पर जोर दिया जा रहा है।

मलेरिया से बचाव के तरीके
मलेरिया बीमारी मच्छरों से फैलती है। इसलिए टंकी या कूलर आदि में भरे पानी को निकाल दें।
इस बीमारी से बचाव के लिए फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनने चाहिए और अपने सिर को भी ढककर रखना चाहिए।
मलेरिया से बचाव के लिए आप मच्छरदानी या मच्छर मारने वाली कॉइल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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