वैसे तो पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र को मेनका गांधी की कर्मस्थली मानी जाती है। लेकिन वर्तमान में इस क्षेत्र का दायित्व उनके बेटे वरुण गांधी संभाल रहे हैं। वरुण गांधी इस सीट से सांसद हैं। आज यानी की 13 मार्च को वरुण गांधी अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी यानी की कांग्रेस से ताल्लुक रखते हैं। लेकिन बेहद कम उम्र में उनका मां मेनका गांधी को वरुण के साथ घर छोड़ना पड़ा था। आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर वरुण गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
देश की राजधानी दिल्ली में 13 मार्च 1980 को वरुण गांधी का जन्म हुआ था। बता दें कि वरुण गांधी के पेरेंट्स संजय गांधी और मेनका गांधी ने लव मैरिज की थी। लेकिन महज 3 साल की उम्र में वरुण के सिर से पिता का साया उठ गया था। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बेटे और वरुण गांधी के पिता संजय गांधी की एक हवाई दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिसके बाद वरुण की परवरिश उनकी मां मेनका ने की थी। राजनीतिक मतभेदों के कारण महज 2 साल की उम्र में वरुण गांधी के साथ मेनका ने गांधी परिवार से दूरी बना ली थी और भाजपा में शामिल हो गईं। वरुण ने शुरूआती शिक्षा नई दिल्ली के शिक्षा मॉर्डन स्कूल से की। फिर यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन एक्सटर्नल सिस्टम से आगे की पढ़ाई पूरी की।
विरासत में मिली राजनीति
साल 1983 से पीलीभीत से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का जुड़ाव है। साल 1989 में उन्होंने पहला लोकसभा चुनाव इसी सीट से लड़ा था। फिर पीलीभीत जिले को उनकी कर्मस्थली के तौर पर माना जाने लगा। फिर उन्होंने अपनी परंपरागत पीलीभीत संसदीय सीट से साल 2009 में वरुण गांधी को चुनावी समर में उतारा था। इस चुनाव में रिकार्ड मतों के अंतर से वरुण गांधी सांसद चुने गए थे। फिर साल 2014 में वरुण गांधी ने सुल्तानपुर सीट से चुनाव लड़ा था। वहीं साल 2019 में वरुण गांधी फिर से पीलीभीत से सांसद चुने गए।
वर्तमान समय में एक कुशल राजनीतिज्ञ के तौर पर वरुण गांधी अपनी मां की कर्मस्थली को सहेज रहे हैं। वहीं पार्टी संगठन के साथ भी वह बेहतर तालमेल स्थापित कर रहे हैं। बता दें कि वरुण गांधी एक ऐसे राजनेता हैं, जो सही व गलत होने पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल देते हैं। जहां वह अच्छे काम की सराहना करने के लिए खुले मंच से विपक्ष की तारीफ करते हैं, तो वहीं गलत के खिलाफ भी खुलकर आवाज उठाते हैं।
वरुण गांधी बढ़ती हुई महंगाई और बेरोजगारी के लिए बीजेपी को कई बार आड़े हाथों ले चुके हैं। वह बेखौफ होकर अपनी ही सरकार के खिलाफ जनता के पक्ष में आवाज उठाते हैं। पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए वरुण गांधी तीसरे कार्यकाल के सदस्य हैं। साल 2012 में महासचिव के रूप में राजनाथ सिंह की टीम में शामिल हुए थे।