Uttarakhand और Goa के प्रकरण बड़े संदेश दे रहे हैं: Rudraprayag के गांवों में बाहरियों के प्रवेश पर रोक, Goa में ईसाई आबादी घटी और Muslims की संख्या बढ़ी

देश में तमाम जगहों पर जनसंख्या अनुपात बिगाड़ने की साजिश चल रही है। अक्सर सुनने को मिलता है कि बाहरी लाग आकर किसी इलाके में बसना शुरू हो गये हैं। शुरुआत में इस पर लोग ध्यान नहीं देते लेकिन जब यह बाहरी लोग बड़ी संख्या में हो जाते हैं और स्थानीय लोगों के लिए समस्याएं खड़ी करने लगते हैं तब जाकर लोग चेतते हैं। लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। यह बाहरी लोग आकर आपके इलाके में बस नहीं सकें इसके लिए जरूरी है कि आप सतर्क रहें। इस क्रम में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले का उदाहरण लिया जा सकता है। हम आपको बता दें कि रुद्रपयाग के कई गांवों के प्रवेश द्वार पर ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक संबंधी ‘साइन बोर्ड’ लगाए हैं।क्या है रुद्रप्रयाग का मामला?इस संबंध में, स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में चोरी की घटनाओं को देखते हुए अपरिचितों और अनजान फेरी वालों को वहां आने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। फाटा गांव के एक निवासी ने बताया कि गांवों में मंदिरों और घरों में चोरी की घटनाओं में बाहरी लोगों की संलिप्तता की बात सामने आने के बाद युवाओं ने करीब 20-25 दिन पहले इस तरह के बोर्ड लगाए थ

Uttarakhand और Goa के प्रकरण बड़े संदेश दे रहे हैं: Rudraprayag के गांवों में बाहरियों के प्रवेश पर रोक, Goa में ईसाई आबादी घटी और Muslims की संख्या बढ़ी
देश में तमाम जगहों पर जनसंख्या अनुपात बिगाड़ने की साजिश चल रही है। अक्सर सुनने को मिलता है कि बाहरी लाग आकर किसी इलाके में बसना शुरू हो गये हैं। शुरुआत में इस पर लोग ध्यान नहीं देते लेकिन जब यह बाहरी लोग बड़ी संख्या में हो जाते हैं और स्थानीय लोगों के लिए समस्याएं खड़ी करने लगते हैं तब जाकर लोग चेतते हैं। लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। यह बाहरी लोग आकर आपके इलाके में बस नहीं सकें इसके लिए जरूरी है कि आप सतर्क रहें। इस क्रम में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले का उदाहरण लिया जा सकता है। हम आपको बता दें कि रुद्रपयाग के कई गांवों के प्रवेश द्वार पर ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक संबंधी ‘साइन बोर्ड’ लगाए हैं।

क्या है रुद्रप्रयाग का मामला?

इस संबंध में, स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में चोरी की घटनाओं को देखते हुए अपरिचितों और अनजान फेरी वालों को वहां आने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। फाटा गांव के एक निवासी ने बताया कि गांवों में मंदिरों और घरों में चोरी की घटनाओं में बाहरी लोगों की संलिप्तता की बात सामने आने के बाद युवाओं ने करीब 20-25 दिन पहले इस तरह के बोर्ड लगाए थे। ग्रामीणों के मुताबिक, बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक संबंधी ‘साइन बोर्ड’ सिरसी, रामपुर-न्यालसू आदि गांवों में लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले ‘साइन बोर्ड’ पर ‘गैर-हिंदू व्यक्ति के प्रवेश पर रोक’ लिखा गया था, लेकिन अब उसकी भाषा बदलकर ‘अपरिचित व्यक्ति के प्रवेश पर रोक’ कर दी गई है। ग्रामीणों के अनुसार, स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ऐसा किया गया है।

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दूसरी ओर, रुद्रप्रयाग के पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल का कहना है कि सामाजिक समरसता में व्यवधान डालने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही पुलिस के संज्ञान में यह बात आई, हमने आवश्यक कार्रवाई करते हुए ऐसे ‘साइन बोर्ड’ हटवाए। अगर आगे भी ऐसी कोई बात सामने आई, तो हम कार्रवाई करेंगे। धार्मिक आधार वाले ‘साइन बोर्ड’ लगाने की इजाजत किसी को नहीं है।’’ 

हम आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों चमोली जिले के नंदानगर में एक नाबालिग लड़की को नाई का काम करने वाले दूसरे समुदाय के युवक द्वारा कथित तौर पर 'अश्लील इशारे' किए जाने के बाद क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था। आक्रोशित लोगों ने उक्त समुदाय के लोगों की दुकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया था। घटना के बाद, समुदाय के सदस्यों ने नंदानगर समेत अन्य इलाकों में अपने साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार से भेंट की थी। इसके बाद रुद्रप्रयाग पुलिस प्रशासन इस मसले में सक्रिय हुआ था और कार्रवाई शुरू की थी।

गोवा के राज्यपाल का बयान

हम आपको यह भी बता दें कि देश में मुसलमानों की संख्या बढ़ने संबंधी बहस के बीच गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा है कि गोवा में ईसाई आबादी कम हो गई है जबकि मुस्लिम आबादी बढ़ गई है। हम आपको बता दें कि गोवा के राज्यपाल केरल के कोच्चि में एक गिरजाघर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे जहां उन्होंने कहा कि गोवा में ईसाई आबादी पहले के 36 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक वरिष्ठ पादरी से बात की। मैंने उन्हें बताया कि कैथोलिक समुदाय के सदस्यों का प्रतिशत घटकर 25 प्रतिशत हो गया है, जबकि इस्लामी समुदाय के सदस्यों का प्रतिशत पहले के तीन प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है।’’ गोवा के राज्यपाल पिल्लई ने यह भी कहा कि उन्होंने ईसाई समुदाय के सदस्यों से इस संबंध में ‘‘सकारात्मक अध्ययन करने’’ के लिए कहा था।

बाद में एक अन्य कार्यक्रम में, गोवा के राज्यपाल पिल्लई ने स्पष्ट किया कि उनका मतलब ‘‘प्रतिभा पलायन’’ से था। पिल्लई ने कहा, ‘‘मैंने देखा है कि कुछ मीडिया प्रतिष्ठान मेरे बयान पर विवाद पैदा कर रहे हैं। मैं जनसांख्यिकी या किसी विशेष समुदाय के बारे में बात नहीं कर रहा था।’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गोवा में कैथोलिक सदस्यों की संख्या में कमी आई है। गोवा के राज्यपाल पिल्लई ने एक अन्य कार्यक्रम में स्पष्ट किया, ‘‘जब पादरियों सहित समुदाय के नेताओं ने मुझसे मुलाकात की, तो मैंने उसी के संबंध में कुछ समाचार लेखों का हवाला दिया। मैंने उनसे इसका अध्ययन करने के लिए कहा।'' उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह मुख्य रूप से प्रतिभा पलायन के कारण है।

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