SC से बनी कमेटी की रिपोर्ट हुई सार्वजनिक, 85.7 प्रतिशत किसान चाहते थे फॉर्म लॉ लागू हो

तीनों कृषि कानूनों की वापसी के करीब चार महीने के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट इन दिनों खासा चर्चा में है। रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि लगभग 85.7 प्रतिशत किसान संगठन कृषि कानून के समर्थन में थे। रिपोर्ट में सामने आया है कि 73 में से 61 किसान ने कानूनों का समर्थन किया। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘‘इन कानूनों को निरस्त करना या लंबे समय तक निलंबन उन खामोश बहुमत के खिलाफ अनुचित होगा जो कृषि कानूनों का समर्थन करते हैं। समर्थन में 85.7 प्रतिशत किसान संगठन समिति ने कानूनों के क्रियान्वयन और रूपरेखा में कुछ लचीलापन लाने का समर्थन किया। हितधारकों के साथ समिति की द्विपक्षीय बातचीत से जाहिर हुआ कि केवल 13.3 प्रतिशत हितधारक तीन कानूनों के पक्ष में नहीं थे। 3.3 करोड़ से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 85.7 प्रतिशत किसान संगठनों ने कानूनों का समर्थन किया।इसे भी पढ़ें: एसकेएम ने कोविंद से केंद्र को किसानों से किये उसके वादे याद दिलाने का किया आग्रहएक साल पहले सौंपी गई रिपोर्ट आपको याद होगा मोदी सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई थी। जिनके खिलाफ एक आंद

SC से बनी कमेटी की रिपोर्ट हुई सार्वजनिक, 85.7 प्रतिशत किसान चाहते थे फॉर्म लॉ लागू हो

तीनों कृषि कानूनों की वापसी के करीब चार महीने के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट इन दिनों खासा चर्चा में है। रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि लगभग 85.7 प्रतिशत किसान संगठन कृषि कानून के समर्थन में थे। रिपोर्ट में सामने आया है कि 73 में से 61 किसान ने कानूनों का समर्थन किया। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘‘इन कानूनों को निरस्त करना या लंबे समय तक निलंबन उन खामोश बहुमत के खिलाफ अनुचित होगा जो कृषि कानूनों का समर्थन करते हैं। 

समर्थन में 85.7 प्रतिशत किसान संगठन 

समिति ने कानूनों के क्रियान्वयन और रूपरेखा में कुछ लचीलापन लाने का समर्थन किया। हितधारकों के साथ समिति की द्विपक्षीय बातचीत से जाहिर हुआ कि केवल 13.3 प्रतिशत हितधारक तीन कानूनों के पक्ष में नहीं थे। 3.3 करोड़ से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 85.7 प्रतिशत किसान संगठनों ने कानूनों का समर्थन किया।

इसे भी पढ़ें: एसकेएम ने कोविंद से केंद्र को किसानों से किये उसके वादे याद दिलाने का किया आग्रह

एक साल पहले सौंपी गई रिपोर्ट 

आपको याद होगा मोदी सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई थी। जिनके खिलाफ एक आंदोलन खड़ा हुआ था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के अध्ययन और आंदोलनकारी किसानों से बात करने के लिए एक पैनल बनाया था। इस पैनल के में अशोक गुलाही, प्रमोद कुमार जोशी और अनिल धनवत तीन सदस्य थे। इन्होंने 19 मार्च 2021 को ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी। इसके बाद से धनवट लगातार इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने  की मांग कर रहे थे। लेकिन अंतत: रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई। नवंबर 2021 में मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया। अब ये रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है।

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