Sandeshkhali Case : शाहजहां के अवैध कब्जे वाली भूमि के उपयोग पर राय देने के लिए राज्यपाल ने समिति गठित की

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने संदेशखालि में शाहजहां द्वारा कथित तौर पर ग्रामीणों की अवैध रूप से कब्जाई गई और मछली फार्म में तब्दील कर दी गई जमीनों का अध्ययन करने और उनके उपयोग के तरीके सुझाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है। राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस विषय के विशेषज्ञों ने बताया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित नेता शाहजहां शेख द्वारा कथित तौर पर छीनी गई और अब मूल मालिकों को लौटाई गई कृषि भूमि की ऊपरी मिट्टी मछली पालन के लिए खारे पानी की निकासी के कारण कृषि के लिए अनुपयुक्त हो गई है। विशेषज्ञों ने कहा कि जमीन को फिर से खेती के वास्ते अनुकूल बनाने के लिये मिट्टी की ऊपरी परत हटाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी राय दी कि कृषि के बजाय, खेती की इन जमीनों पर मछली पालन “एक आर्थिक रूप से व्यवहार्य विकल्प” होगा। नयी दिल्ली की अपनी हालिया यात्रा के दौरान बोस भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) गए थे और इस मामले पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। अधिकारी ने कहा कि इसके बाद उन्होंने मुद्दे का अध्ययन करने और संदेशखालि में भूमि उपयोग के तरीके सुझाने

Sandeshkhali Case : शाहजहां के अवैध कब्जे वाली भूमि के उपयोग पर राय देने के लिए राज्यपाल ने समिति गठित की
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने संदेशखालि में शाहजहां द्वारा कथित तौर पर ग्रामीणों की अवैध रूप से कब्जाई गई और मछली फार्म में तब्दील कर दी गई जमीनों का अध्ययन करने और उनके उपयोग के तरीके सुझाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है। राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस विषय के विशेषज्ञों ने बताया है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से निलंबित नेता शाहजहां शेख द्वारा कथित तौर पर छीनी गई और अब मूल मालिकों को लौटाई गई कृषि भूमि की ऊपरी मिट्टी मछली पालन के लिए खारे पानी की निकासी के कारण कृषि के लिए अनुपयुक्त हो गई है। 

विशेषज्ञों ने कहा कि जमीन को फिर से खेती के वास्ते अनुकूल बनाने के लिये मिट्टी की ऊपरी परत हटाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी राय दी कि कृषि के बजाय, खेती की इन जमीनों पर मछली पालन “एक आर्थिक रूप से व्यवहार्य विकल्प” होगा। नयी दिल्ली की अपनी हालिया यात्रा के दौरान बोस भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) गए थे और इस मामले पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। अधिकारी ने कहा कि इसके बाद उन्होंने मुद्दे का अध्ययन करने और संदेशखालि में भूमि उपयोग के तरीके सुझाने के लिए एक समिति का गठन किया जिसमें कृषि, सहकारी और किसान कल्याण विभाग के पूर्व सचिव एसके पटनायक और एक एफएओ विशेषज्ञ शामिल हैं।

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