Samba Assembly Seat: क्या सांबा सीट पर BJP दोबारा हासिल कर पाएगी जीत या Congress-NC गठबंधन बदलेगा सियासी समीकरण
विधानसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में सियासी हलचल बढ़ गई है। साल 2014 के बाद से यहां पर पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस दौरान घाटी के हालात काफी हद तक बदल चुके हैं। राज्य में दो चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है, वहीं 01 अक्तूबर को तीसरे चरण का मतदान होना है। बता दें कि इस क्रम में सांबा विधानसभा सीट पर भी तीसरे चरण में मतदान होना है। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में 7 सीटें SC और 9 सीटें ST के लिए आरक्षित की गई हैं। सूबे में कुल वोटरों की संख्या 88,66,704 है। जिनमें से 4,27,813 युवा वोटर हैं, जिनकी उम्र 18-19 साल के बीच है। ऐसे में युवा इस बार के चुनाव में निर्णायक की भूमिका निभा सकते हैं।इसे भी पढ़ें: Basohli Assembly Seat: बसोहली में किस पार्टी की होगी जीत और कौन होगा मायूस, दिलचस्प है मुकाबलातीसरे चरण में होगा मतदानराज्य की सांबा विधानसभा सीट अनारक्षित है और यहां पर 01 अक्तूबर को चुनाव होना है। बता दें कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार देविंदर कुमार मनयाल ने जीत हासिल की थी। देविंदर कुमार मनयाल ने जम्मू
विधानसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में सियासी हलचल बढ़ गई है। साल 2014 के बाद से यहां पर पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इस दौरान घाटी के हालात काफी हद तक बदल चुके हैं। राज्य में दो चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है, वहीं 01 अक्तूबर को तीसरे चरण का मतदान होना है। बता दें कि इस क्रम में सांबा विधानसभा सीट पर भी तीसरे चरण में मतदान होना है।
जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों में 7 सीटें SC और 9 सीटें ST के लिए आरक्षित की गई हैं। सूबे में कुल वोटरों की संख्या 88,66,704 है। जिनमें से 4,27,813 युवा वोटर हैं, जिनकी उम्र 18-19 साल के बीच है। ऐसे में युवा इस बार के चुनाव में निर्णायक की भूमिका निभा सकते हैं।
तीसरे चरण में होगा मतदान
राज्य की सांबा विधानसभा सीट अनारक्षित है और यहां पर 01 अक्तूबर को चुनाव होना है। बता दें कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार देविंदर कुमार मनयाल ने जीत हासिल की थी। देविंदर कुमार मनयाल ने जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय लोक पार्टी के यश पॉल कुंडल को 22,118 वोटों के अंतर शिकस्त दी थी। हालांकि माना जा रहा है भाजपा के लिए इस बार साल 2014 के नतीजे दोहराना आसान नहीं हैं। क्योंकि इस बार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में बीजेपी को कांग्रेस और एनसी गठबंधन से कांटे की टक्कर मिलती दिखाई दे रही है।