विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों ने केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ किए गए कथित ‘भेदभाव और अन्याय’ के खिलाफ आज संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "बजट में कोई न्याय नहीं मिला है, इसलिए हम न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि यह बजट सिर्फ अपने सहयोगियों को संतुष्ट करने के लिए है... उन्होंने बाकी किसी को कुछ नहीं दिया है।
वहीं कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय बजट के विरोध पर कहा, "ये मोदी जी का कुर्सी बचाओ बजट है, सत्ता बचाओ बजट है, बदला लो बजट है।'' उन्होंने कहा कि इस बजट से देश के 90% राज्य और 90% से अधिक लोग अलग-थलग कर दिए गए हैं। सुरजेवाला ने कहा कि बजट भाजपा की सत्ता बचाने के लिए नहीं हो सकता, देश की जनता की भलाई के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का बजट केवल और केवल भाजपा की सत्ता बचाओ बजट बनकर रह गया है।
वहीं शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि यह विरोध बजट में भेदभाव के खिलाफ़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी शासित राज्यों को नज़रअंदाज़ किया गया है... हमें कल बजट में 'प्रधानमंत्री महाराष्ट्र विरोधी योजना' दिखाई दी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाला राज्य है, फिर भी हमें बदले में अपना हिस्सा नहीं मिलता।"
उधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि समर्थन मूल्य किसान को ना देकर गठबंधन के साथियों को दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को बड़े सपने दिखाए थे, क्या मिला उत्तर प्रदेश को? डबल इंजन की सरकार है तो डबल लाभ मिलना चाहिए था, दिल्ली का लाभ लखनऊ का लाभ, लेकिन लगता है कि दिल्ली अब लखनऊ की ओर नहीं देख रही है या लखनऊ वालों ने दिल्ली वालों को नाराज कर दिया है उसका परिणाम बजट में दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि विकास बिहार जा रहा है तो उत्तर प्रदेश को क्यों छोड़ रहे हैं? बाढ़ अगर बिहार की रोकनी है तो नेपाल और उत्तर प्रदेश की बाढ़ रोके बिना आप बिहार की बाढ़ कैसे रोकेंगे? आप पहले उत्तर प्रदेश और नेपाल की बाढ़ रोके तो बिहार की बाढ़ अपने आप रुक जाएगी।"
दूसरी ओर, केंद्रीय बजट पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "यह बजट बहुत शानदार है और सभी ने इसका स्वागत किया है। विपक्ष यह कहकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है कि यह सिर्फ 2 राज्यों का बजट है।'' उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 11 लाख 11 हजार 111 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का आवंटन 1-2 राज्यों के लिए नहीं है, यह पूरे देश के लिए है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे से लेकर चिकित्सा, मध्यम वर्ग के लोगों को छूट देना, किसानों को दी जाने वाली सुविधाएं या आदिवासियों को अलग पैकेज देना, यह सब देश के लिए किया गया है। यह कहना गलत है कि पूरा केंद्रीय बजट 1 या 2 राज्यों के लिए है।"