ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव का भी बिगुल बज चुका है। बता दें कि ओडिशा में लगभग दो दशक से सत्तासीन बीजू जनता दल बीजद का गठन 26 दिसंबर 1997 में हुआ था। बता दें कि पार्टी का नाम राज्य के कद्दावर नेता और नवीन पटनायक के पिता बीजू पटनायक के नाम पर रखा गया था। साल 1998 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 9 सीटों पर जीत हासिल की थी। साथ ही बीजद को राज्य के विधानसभा चुनाव में भी बहुमत मिला था।
आपको बता दें कि बीजद पार्टी प्रमुख नवीन पटनायक करीब पिछले 23 सालों से ओडिशा के सीएम के रूप में राज्य की कमान संभाले हुए हैं। वहीं नवीन पटनायक की पार्टी को साल दर साल राज्य के लोगों का स्नेह और समर्थन मिल रहा है। हांलाकि पार्टी ने इस 27 साल लंबे सफर के दौरान कई असुविधाओं का भी सामना किया। पार्टी के सामने कई बाधाएं और कई आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए। लेकिन पार्टी ने सभी चीजों को दरकिनार करते हुए नई गाथा रचने का काम किया।
पार्टी का इतिहास
ओडिशा राज्य में बीजेडी पार्टी साल 2000 से सत्ता में बनी हुई है। वहीं नवीन पटनायक पांच बार राज्य के सीएम रह चुके हैं। हांलाकि बीजद ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में पहली सरकार बनाई थी। लेकिन साल 2009 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बीजेपी के साथ अपना संबंध तोड़ दिया और 147 सदस्यीय विधानसभा में से 103 पर जीत हासिल की। फिर साल 2014 के चुनाव में पार्टी ने अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाकर 117 कर लिया। तो वहीं साल 2019 के चुनाव में पार्टी ने 112 सीटों पर जीत हासिल की।
सीएम नवीन पटनायक
नवीन पटनाटक को ओडिशा के मुख्यमंत्री के तौर पर 23 साल पूरे हो चुके हैं। वह देश के इतिहास में लगातार मुख्यमंत्री बने रहने के रिकॉर्ड में दूसरे स्थान पर हैं। नवीन पटनायक ने दिल्ली और देहरादून से अपनी पढ़ाई पूरी की है। वहीं 2000 में ओडिशा के मुख्यमंत्री बनने तक उनका अधिकतर जीवन दिल्ली में ही गुजरा। सीएम नवीन पटनायक ने राज्य को सुशासन दिया और ओडिशा विकास के पथ पर अग्रसर है।