पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों ने अन्य नागरिकों के साथ मिलकर रविवार को पूरे राज्य में मशाल रैली निकाली है। कोलकाता के आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला ट्रेनी के बलात्कार और हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली महत्वपूर्ण सुनवाई से एक दिन पहले डॉक्टरों और अन्य नागरिकों ने इस रैली को निकाला है।
गौरतलब है कि इस प्रदर्शन में वो डॉक्टर भी शामिल थे, जिन्होंने महिला डॉक्टर की हत्या के बाद घटना का विरोध करते हुए 41 दिनों तक काम बंद रखा था। जूनियर डॉक्टर लगातार पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर अपने कार्यस्थलों पर बेहतर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ये रैलियां कई स्थानों पर आयोजित की गईं है। इसमें आरजी कर अस्पताल, सागर दत्ता अस्पताल, एसएसकेएम अस्पताल, कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और दक्षिण कोलकाता के जादवपुर अस्पताल शामिल है।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रमुख समूह) द्वारा आयोजित रैलियों ने मेडिकल कॉलेजों में "धमकी की संस्कृति" को समाप्त करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला, जहां छात्रों को कथित तौर पर धमकी का सामना करना पड़ता है।
सागर दत्ता अस्पताल में तीन डॉक्टरों और तीन नर्सों पर कथित हमले के बाद भी नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके बारे में चिकित्सकों ने दावा किया कि यह सरकार द्वारा वादा किए गए सुरक्षा प्रदान करने में विफलता को दर्शाता है।
बंगाल के डॉक्टरों ने काम बंद करने की धमकी दी
शनिवार को पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में आरजी कार मामले की सुनवाई के दौरान कार्यस्थलों पर उनकी सुरक्षा के संबंध में राज्य सरकार की दलीलों को सुनने के बाद सोमवार को पूर्ण रूप से काम बंद करने की धमकी दी थी।