केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश हो रही है, जिस कारण वहां भूस्खलन हो गया है। माना जा रहा है की भूस्खलन के बाद भारी संख्या में लोग यह दबे हो सकते है। इस हादसे की चपेट में आकर अबतक आधिकारिक तौर पर आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
जानकारी के मुताबिक ये हादसा वायनाड जिले के मेप्पडी, मुंडक्कई टाउन और चूरल माला में मंगलवार सुबह हुआ है। ये हादसा इतना जबरदस्त था की इसकी चपेट में आकर 50 लोग घायल हुए है, जिनको अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। केरल के कई गांवों में भूस्खलन हुआ है, जिससे कई मकान तबाह हो गए है। उफनती हुई नदियों और उखड़े हुए पेड़ ही हर तरफ दिख रहे है। भूस्खलन के कारण मेप्पडी, मुंडक्कई टाउन और चूरल माला का अन्य जगहों से संपर्क बिलकुल टूट गया है।
बता दें कि बाढ़ के पानी में कई वाहन बह गए है। कई जगहों पर पेड़ों में वाहन फंसे हुए दिख रहे है। हर तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। यहां तक की नदियों ने अपना रास्ता भी बदल दिया है। नदियां बाहरी इलाकों की जगह रिहायशी इलाकों से होते हुए घरों के अंदर घुसते हुए बह रही है। इससे अधिक तबाही मच रही है।
पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं। बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा जा सकता है। भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है। प्राधिकारियों ने बताया कि वायनाड जिले में भूस्खलन के कारण तीन बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गई है।
वायनाड जिला प्राधिकारियों के अनुसार, एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत चूरलमाला शहर में हुई, जबकि थोंडरनाड गांव में एक नेपाली परिवार के एक वर्षीय बच्चे की जान जाने की खबर है। इसके अलावा, पांच वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों के शव पोथुकल गांव के पास एक नदी के किनारे से बरामद किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं।