Kashmir की पुरानी कलाओं में शुमार Art of Tapestry को विलुप्त होने से बचाने को आगे आया Help Foundation

कश्मीर में टेपेस्ट्री की कला को पुनर्जीवित करने और वंचित लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए हेल्प फाउंडेशन द्वारा एक पहल की गई है। हम आपको बता दें कि यह कला विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गयी थी लेकिन हेल्प फाउंडेशन ने पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है। प्रभासाक्षी से बात करते हुए हेल्प फाउंडेशन के एक पदाधिकारी ने कहा कि हमारे इस अभियान का उद्देश्य वंचित लड़कियों को सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि हम 150 लड़कियों को प्रशिक्षित करने का अभियान चला रहे हैं।इसे भी पढ़ें: Srinagar में Shair-e-Kashmir Ghulam Ahmad Mahjoor की मशहूर कविताओं का पाठ कर उन्हें किया गया यादउन्होंने कहा कि 90 के दशक में टेपेस्ट्री कलाकारों के पास काफी काम था लेकिन आधुनिक मशीनों के आगमन के बाद लोगों की सोच और पसंद बदलती चली गयी। उन्होंने कहा कि लेकिन कश्मीरी कला के दीवानों की संख्या आज भी काफी है इसलिए हम लड़कियों को इस कला का प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि एक समय था जब विदेशी डिजाइनर यहां सीधे आकर कलाकारों से खरीददारी करते थे हम चाहते हैं कि कलाकारों के लिए वैसे दिन फिर से आयें इसीलिए इ

Kashmir की पुरानी कलाओं में शुमार Art of Tapestry को विलुप्त होने से बचाने को आगे आया Help Foundation
कश्मीर में टेपेस्ट्री की कला को पुनर्जीवित करने और वंचित लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए हेल्प फाउंडेशन द्वारा एक पहल की गई है। हम आपको बता दें कि यह कला विलुप्त होने के कगार पर पहुँच गयी थी लेकिन हेल्प फाउंडेशन ने पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है। प्रभासाक्षी से बात करते हुए हेल्प फाउंडेशन के एक पदाधिकारी ने कहा कि हमारे इस अभियान का उद्देश्य वंचित लड़कियों को सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि हम 150 लड़कियों को प्रशिक्षित करने का अभियान चला रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: Srinagar में Shair-e-Kashmir Ghulam Ahmad Mahjoor की मशहूर कविताओं का पाठ कर उन्हें किया गया याद

उन्होंने कहा कि 90 के दशक में टेपेस्ट्री कलाकारों के पास काफी काम था लेकिन आधुनिक मशीनों के आगमन के बाद लोगों की सोच और पसंद बदलती चली गयी। उन्होंने कहा कि लेकिन कश्मीरी कला के दीवानों की संख्या आज भी काफी है इसलिए हम लड़कियों को इस कला का प्रशिक्षण दे रहे हैं ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि एक समय था जब विदेशी डिजाइनर यहां सीधे आकर कलाकारों से खरीददारी करते थे हम चाहते हैं कि कलाकारों के लिए वैसे दिन फिर से आयें इसीलिए इस कला को विलुप्त होने से बचा रहे हैं।

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