Kashmir के इस उम्मीदवार ने मचा दी है सनसनी, जिसके पैर में NIA ने लगाया GPS
जम्मू कश्मीर में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है और 25 सितंबर को दूसरे फेज के लिए वोट डाले जाएंगे। लेकिन इन सब के बीच जम्मू कश्मीर के चुनाव में एक उम्मीदवार की खासा चर्चा देश-दुनिया में हो रही है। इस कैंडिडेट को चुनाव लड़ने के लिए इजाजत मिली और बेल मिला तो उनके पांव में एनआईए की तरफ से जीपीएस ट्रैकर लगा दिया गया। इसको लेकर इंटरनेशनल मीडिया में भी खासा चर्चा हो रही है। हाफ़िज़ मोहम्मद सिकंदर मलिक जम्मू-कश्मीर के ऐसे चुनावी उम्मीदवार जिन्होंने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) ट्रैकर लगाकर बीते दिनों अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। इसे भी पढ़ें: Jammu-Kashmir में किन मद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं गुलाम नबी आज़ाद, कहा- राजनीतिक दल दुश्मन नहीं, प्रतिस्पर्धी हैंप्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ़ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच किए जा रहे एक मामले में अदालत के निर्देश पर इस साल की शुरुआत में उनके पैरों पर ट्रैकर लगाया गया था। प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व जिला अध्यक्ष मलिक बांदीपोरा निर्वाचन क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं । उन्होंने मतदाताओं के बीच वोट
जम्मू कश्मीर में पहले चरण की वोटिंग हो चुकी है और 25 सितंबर को दूसरे फेज के लिए वोट डाले जाएंगे। लेकिन इन सब के बीच जम्मू कश्मीर के चुनाव में एक उम्मीदवार की खासा चर्चा देश-दुनिया में हो रही है। इस कैंडिडेट को चुनाव लड़ने के लिए इजाजत मिली और बेल मिला तो उनके पांव में एनआईए की तरफ से जीपीएस ट्रैकर लगा दिया गया। इसको लेकर इंटरनेशनल मीडिया में भी खासा चर्चा हो रही है। हाफ़िज़ मोहम्मद सिकंदर मलिक जम्मू-कश्मीर के ऐसे चुनावी उम्मीदवार जिन्होंने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) ट्रैकर लगाकर बीते दिनों अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।
प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ़ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच किए जा रहे एक मामले में अदालत के निर्देश पर इस साल की शुरुआत में उनके पैरों पर ट्रैकर लगाया गया था। प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व जिला अध्यक्ष मलिक बांदीपोरा निर्वाचन क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं । उन्होंने मतदाताओं के बीच वोट के असल मायने को समझाने का संकल्प लिया। सिकंदर मलिक ने कहा कि हम लोगों तक पहुंचेंगे। हम वोट का वास्तविक अर्थ समझाएंगे। हम बताएंगे कि वोट का हकदार कौन है। वोट एक साक्षी होने का कार्य है। केवल एक योग्य व्यक्ति ही लोगों के वोट का हकदार है।
गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाने और इसे गैरकानूनी संगठन घोषित करने के बाद उसे पहली बार 2019 में गिरफ़्तार किया गया था। उस पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया और उसके घर पर कई बार छापेमारी की गई।