Kamakhya मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए चार दिन बाद फिर से खुले

प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर के कपाट अम्बुबाची मेले के अवसर पर पिछले चार दिनों से बंद रहने के बाद बुधवार को सुबह श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुल गए और शक्तिपीठ पर भक्तों की भीड़ देखी गई। मंदिर के द्वार प्रतीकात्मक रूप से चार दिनों के लिए बंद किए गए थे क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान देवी कामाख्या तथा धरती माता दोनों ही मासिक धर्म से गुजरती हैं। मंदिर के कपाट खुलने से जुड़ी रस्में मंगलवार रात को ही पूरी कर ली गई थीं। कामाख्या देवालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंदिर के दरवाजे बुधवार को सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कामरूप मेट्रोपोलिटन जिले के एक अधिकारी ने बताया कि वार्षिक अम्बुबाची मेला 22 जून को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुआ। मेले की शुरुआत से अब तक 25 लाख से अधिक लोग यहां आ चुके हैं। इस अवधि के दौरान मंदिर परिसर में आयोजित होने वाला अम्बुबाची मेला पर्यटन के लिए राज्य का एक प्रमुख आयोजन है। प्रशासन ने कामाख्या रेलवे स्टेशन पर 5,000 लोगों के लिए और ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर पांडु बंदरगाह पर 12,000-15,000 लोगों के लिए शिविर की सुविधा उपलब्ध कराई है। अधिकारियों

Kamakhya मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए चार दिन बाद फिर से खुले

प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर के कपाट अम्बुबाची मेले के अवसर पर पिछले चार दिनों से बंद रहने के बाद बुधवार को सुबह श्रद्धालुओं के लिए फिर से खुल गए और शक्तिपीठ पर भक्तों की भीड़ देखी गई।

मंदिर के द्वार प्रतीकात्मक रूप से चार दिनों के लिए बंद किए गए थे क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान देवी कामाख्या तथा धरती माता दोनों ही मासिक धर्म से गुजरती हैं। मंदिर के कपाट खुलने से जुड़ी रस्में मंगलवार रात को ही पूरी कर ली गई थीं।

कामाख्या देवालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंदिर के दरवाजे बुधवार को सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कामरूप मेट्रोपोलिटन जिले के एक अधिकारी ने बताया कि वार्षिक अम्बुबाची मेला 22 जून को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुआ।

मेले की शुरुआत से अब तक 25 लाख से अधिक लोग यहां आ चुके हैं। इस अवधि के दौरान मंदिर परिसर में आयोजित होने वाला अम्बुबाची मेला पर्यटन के लिए राज्य का एक प्रमुख आयोजन है।

प्रशासन ने कामाख्या रेलवे स्टेशन पर 5,000 लोगों के लिए और ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर पांडु बंदरगाह पर 12,000-15,000 लोगों के लिए शिविर की सुविधा उपलब्ध कराई है। अधिकारियों ने बताया कि मेले में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कर्मियों, स्वयंसेवकों, निजी सुरक्षा कर्मियों और अन्य लोगों को भी लगाया गया है।

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