Jammu-Kashmir में कुछ बड़ा होने वाला है? महबूबा मुफ्ती को किया गया हाउस अरेस्ट

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें कश्मीर शहीद दिवस पर मजार-ए-शुहादा जाने से रोकने के लिए घर में नजरबंद कर दिया गया था। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर अपने आवास के गेट पर ताला लगे होने की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने कहा कि मुझे मजार-ए-शुहादा जाने से रोकने के लिए मेरे घर के दरवाजे एक बार फिर से बंद कर दिए गए हैं - सत्तावाद, उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ कश्मीर के प्रतिरोध और लचीलेपन का एक स्थायी प्रतीक। हमारे शहीदों का बलिदान एक वसीयतनामा है कि की भावना कश्मीरियों को कुचला नहीं जा सकता। इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: विधानसभा चुनावों से पहले Jammu-Kashmir के LG को बनाया गया Delhi LG की तरह ताकतवर, उमर अब्दुल्ला भड़केमुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज इस दिन शहीद हुए प्रदर्शनकारियों की याद में इसे मनाना भी अपराध घोषित कर दिया गया है। श्रीनगर में उन 22 प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिन्हें 1931 में तत्कालीन महाराजा की सेना ने गोली मार दी थी। केंद्र पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री न

Jammu-Kashmir में कुछ बड़ा होने वाला है? महबूबा मुफ्ती को किया गया हाउस अरेस्ट
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें कश्मीर शहीद दिवस पर मजार-ए-शुहादा जाने से रोकने के लिए घर में नजरबंद कर दिया गया था। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर अपने आवास के गेट पर ताला लगे होने की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने कहा कि मुझे मजार-ए-शुहादा जाने से रोकने के लिए मेरे घर के दरवाजे एक बार फिर से बंद कर दिए गए हैं - सत्तावाद, उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ कश्मीर के प्रतिरोध और लचीलेपन का एक स्थायी प्रतीक। हमारे शहीदों का बलिदान एक वसीयतनामा है कि की भावना कश्मीरियों को कुचला नहीं जा सकता। 

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मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज इस दिन शहीद हुए प्रदर्शनकारियों की याद में इसे मनाना भी अपराध घोषित कर दिया गया है। श्रीनगर में उन 22 प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिन्हें 1931 में तत्कालीन महाराजा की सेना ने गोली मार दी थी। केंद्र पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी सामूहिक यादों में से प्रत्येक को मिटाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को खंडित कर दिया गया, शक्तिहीन कर दिया गया और वह सब कुछ छीन लिया गया जो हमारे लिए पवित्र था। इस तरह के हमले केवल हमारे अधिकारों और सम्मान के लिए लड़ाई जारी रखने के हमारे दृढ़ संकल्प को मजबूत करेंगे।

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नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने भी जम्मू-कश्मीर में "न्यायसंगत, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक शासन" स्थापित करने के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने से रोकने के लिए "पुलिस ज्यादतियों" पर एक्स पर नाराजगी व्यक्त की। लोगों का जश्न मनाया गया होगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर में प्रशासन इन बलिदानों को नजरअंदाज करना चाहता है। यह आखिरी साल है जब वे ऐसा कर सकेंगे।

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