Jaipur: गुर्दा प्रतिरोपण मामले में निजी अस्पताल के दो चिकित्सक गिरफ्तार
राजस्थान पुलिस ने किडनी प्रतिरोपण मामले में जयपुर स्थित एक निजी अस्पताल के दो चिकित्सकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस मामले में ‘फोर्टिस अस्पताल जयपुर’ के ‘नेफ्रोलॉजिस्ट’ डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी एवं ‘यूरोलॉजिस्ट’ डॉ. संदीप गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत की गई है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने अंग प्रतिरोपण के लिए फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) संबंधी मामले में मंगलवार को सवाई मान सिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा एवं एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को तत्काल प्रभाव से पद से विमुक्त कर दिया था। राज्य सरकार ने डॉ. सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के सुचारू संचालन के लिए गठित स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन पद से भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया। उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने एक अप्रैल को अंग प्रतिरोपण के सिलसिले में

राजस्थान पुलिस ने किडनी प्रतिरोपण मामले में जयपुर स्थित एक निजी अस्पताल के दो चिकित्सकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस मामले में ‘फोर्टिस अस्पताल जयपुर’ के ‘नेफ्रोलॉजिस्ट’ डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी एवं ‘यूरोलॉजिस्ट’ डॉ. संदीप गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है।
यह गिरफ्तारी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत की गई है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने अंग प्रतिरोपण के लिए फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) संबंधी मामले में मंगलवार को सवाई मान सिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा एवं एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को तत्काल प्रभाव से पद से विमुक्त कर दिया था।
राज्य सरकार ने डॉ. सुधीर भंडारी को स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन के सुचारू संचालन के लिए गठित स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन पद से भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया।
उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने एक अप्रैल को अंग प्रतिरोपण के सिलसिले में अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।आरोप है कि ये अधिकारी पैसे लेकर फर्जी एनओसी जारी कर रहे थे। इसके बाद जयपुर के कई अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
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