International Day of Happiness: इस वजह से हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है International Day of Happiness, जानिए इतिहास

हर साल 20 मार्च को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाया जाता है। हर साल 20 मार्च के लिए यूएन अपने हैप्पीनेस इंडेक्स की लिस्ट जारी करता है। इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस के जरिए लोगों की खुशी और मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता दिए जाने पर जोर दिया जाता है। वहीं हैप्पीनेस रिपोर्ट के जरिए यह दिखाने का प्रयास किया जाता है कि किस देश के लोग कितने अधिक खुश हैं। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य है कि सरकार अपनी बनाई गई रणनीतियों में जनता की खुशहाली और सुख को ध्यान में रखते हुए कार्य करें।11 साल पहले हुई थी इस दिन की शुरुआतकरीब 11 साल पहले 2013 में इस को दिन को मनाए जाने की शुरूआत हुई थी। साल 2011 में हैप्पीनेस डे मनाने का प्रस्ताव यूएन एडवाइजर जेम इलियन में यूएन की महासभा में रखा। वहीं इसी दिन इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस को मनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। यूएन में हैप्पीनेस को लेकर पहली जनरल कॉन्फ्रेंस साल 2012 में आयोजित की गई। इस कॉन्फ्रेंस में 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।भूटान ने दिया प्रस्तावभूटान के राजा ने इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीने

हर साल 20 मार्च को पूरी दुनिया में इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाया जाता है। हर साल 20 मार्च के लिए यूएन अपने हैप्पीनेस इंडेक्स की लिस्ट जारी करता है। इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस के जरिए लोगों की खुशी और मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता दिए जाने पर जोर दिया जाता है। वहीं हैप्पीनेस रिपोर्ट के जरिए यह दिखाने का प्रयास किया जाता है कि किस देश के लोग कितने अधिक खुश हैं। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य है कि सरकार अपनी बनाई गई रणनीतियों में जनता की खुशहाली और सुख को ध्यान में रखते हुए कार्य करें।

11 साल पहले हुई थी इस दिन की शुरुआत
करीब 11 साल पहले 2013 में इस को दिन को मनाए जाने की शुरूआत हुई थी। साल 2011 में हैप्पीनेस डे मनाने का प्रस्ताव यूएन एडवाइजर जेम इलियन में यूएन की महासभा में रखा। वहीं इसी दिन इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस को मनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। यूएन में हैप्पीनेस को लेकर पहली जनरल कॉन्फ्रेंस साल 2012 में आयोजित की गई। इस कॉन्फ्रेंस में 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया।

भूटान ने दिया प्रस्ताव
भूटान के राजा ने इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाने का प्रस्ताव रखा था। यूएन में हैप्पीनेस डे मनाने के लिए उन्होंने 12 जुलाई 2012 को एक रिजॉल्यूशन पास किया। भूटान के राजा जिग्मे खेसर वांगचुक ने इस रिजॉल्यूशन को रखा था। उस दौरान भूटान विदेशी लोगों के लिए अपनी सीमाएं खोल रहा था। भूटान के राजा का मानना था कि देश की आर्थिक स्थिति पर लोगों की खुशी निर्भर नहीं करती है। साल 1970 में भूटान दुनिया का पहला देश था, जो जीडीपी से ज्यादा लोगों की खुशहाली को महत्व देता था।

इस कारण भूटान में आज भी हैप्पीनेस इंडेक्स को काफी ज्यादा महत्व दिया जाता है। भूटान की जीडीपी को हमेशा हैप्पीनेस इंडेक्स के बाद रखा जाता है। इस वजह से हैप्पीनेस इंडेक्स में टॉप 10 देशों में भूटान अपनी जगह कायम रख पाता है। साथ ही इसे एशिया का सबसे खुशहाल देश माना जाता है।

इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे
बता दें कि 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाने के पीछे एक बेहद खास कारण है। दरअसल, 20 मार्च को इक्विनॉक्स होता है। इस दिन सूरज भूमध्य रेखा के बिलकुल ऊपर होता है। जिसकी वजह से दिन-रात बराबर होता है। एक साल में 2 बार इक्विनॉक्स होते हैं। जिसमें पहला इक्विनॉक्स 20 मार्च और दूसरा 23 सितंबर को होता है।

इस साल की थीम
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस के लिए हर साल अलग थीम चुनी जाती है। इस बार यानी की साल 2024 में 'रीक्नेक्टिंग फॉर हैप्पीनेस बिल्डिंग रेसिलिएन्ट कम्यूनिटीज' रखी गई है। इस थीम का मकसद एक ऐसी कम्यूनिटी तैयार करना है, जो हर तरह की परेशानियों व दिक्कतों का सामना कर सकें औऱ खुश रहें।

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