देश में हाल के दिनों में रेल हादसों की संख्या तो बढ़ी ही है साथ ही कई ऐसे वाकये भी सामने आये हैं जब ट्रेनों को पटरियों से उतारने या रेलवे को नुकसान पहुँचाने की साजिशों का समय रहते पता चल गया। इसलिए सवाल उठता है कि जो ट्रेन दुर्घटनाएं घटीं कहीं वह किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं थीं? देखा जाये तो जबसे रेल मंत्री को रील मंत्री बताने वाले लोगों के सोशल मीडिया हैंडलों पर रेलवे की खराब तस्वीर प्रस्तुत करने वाले वीडियो पोस्ट करने का अभियान शुरू हुआ है तबसे ऐसा लगता है कि भारतीय रेल को निशाना बनाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। अभी एक दिन पहले कानपुर में एलपीजी सिलेंडर और अन्य विस्फोटक सामग्री को ट्रैक पर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गयी। अब खबर आई है कि राजस्थान के अजमेर जिले में मालगाड़ी को पटरी से उतारने की कोशिश की गयी।
देखा जाये तो सरकार को चाहिए कि इन घटनाओं को गंभीरता से ले और रेलवे को नुकसान पहुँचाने की साजिश के तहत अब तक जिन लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं उन्हें जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाये। रेलवे को नुकसान पहुँचा कर जान-माल को खतरे में डालने वालों को कड़ा सबक सिखा कर ही उनके नापाक इरादों को पटरी से उतारा जा सकता है। ऐसे तत्वों के खिलाफ अगर ढिलाई बरती गयी तो ट्रेनें पटरी से उतरती रहेंगी ताकि रेल मंत्री के इस्तीफे की मांग जिंदा रहे।
अजमेर की घटना
जहां तक अजमेर की घटना की बात है तो हम आपको बता दें कि पटरियों पर सीमेंट के ब्लॉक डालकर एक मालगाड़ी को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। हालांकि, कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। उत्तर पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘कुछ बदमाशों ने रविवार को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में पटरी पर सीमेंट के दो ब्लॉक रख दिए, जिन्हें एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। लेकिन कुछ अप्रिय नहीं हुआ।’’ हम आपको बता दें कि यह घटना फुलेरा-अहमदाबाद ट्रैक पर सरधना और बांगड़ स्टेशनों के बीच घटी। फ्रेट कॉरिडोर के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
कानपुर की घटना
दूसरी ओर कानपुर की घटना की बात करें तो आपको बता दें कि एलपीजी सिलेंडर और अन्य विस्फोटक सामग्री को ट्रैक पर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश के सिलसिले में सोमवार को दो स्थानीय हिस्ट्रीशीटरों समेत छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। कानपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने बताया है कि हिरासत में लिए गए लोगों से गहन पूछताछ की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 287 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और विस्फोटक अधिनियम, 1884 तथा रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
हम आपको बता दें कि कानपुर जिले में एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया जब अज्ञात लोगों ने प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के सामने पटरी पर रसोई गैस सिलेंडर रख दिया। इसे देखकर चालक ने इमर्जेंसी ब्रेक लगा दी और सिलेंडर उससे टकराकर दूर जा गिरा। घटना में आतंकवादियों का हाथ होने की आशंका के मद्देनजर आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने भी मामले की अलग से जांच शुरू की है। एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपनी जांच के तहत हर पहलू पर गौर किया है और एटीएस जो भी निष्कर्ष निकालेगी, उसे जल्द ही मीडिया के साथ साझा किया जाएगा।
पुलिस ने बताया, ‘‘रविवार रात आठ बजकर 20 मिनट पर प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के चालक ने बिल्हौर रेलवे स्टेशन से कुछ दूर पहले पटरी पर एक रसोई गैस सिलेंडर रखा देखा। इस पर उसने आपातकालीन ब्रेक लगा दी मगर ट्रेन सिलेंडर से टकरा गई और थोड़ा आगे जाकर रुक गयी। सिलेंडर भी उछलकर दूर जा गिरा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गनीमत रही कि सिलेंडर इंजन में फंसकर फटा नहीं, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। साथ ही अचानक आपातकालीन ब्रेक लगने से ट्रेन पटरी से उतर भी सकती थी।'' पुलिस ने बताया है कि घटनास्थल के पास क्षतिग्रस्त सिलेंडर के अलावा पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस सहित कई संदेहास्पद चीजें भी बरामद की गई है।
बताया जा रहा है कि आसपास के इलाकों में जमातियों की तलाश करने और उनसे पूछताछ करने का भी फैसला किया गया है। बताया जा रहा है कि मौके से मिठाई का एक डिब्बा मिलने के बाद पुलिस की एक टीम कन्नौज भी भेजी गई है। उम्मीद है कि इससे पुलिस को मामले की जांच में मदद मिलेगी।