India-China border पर पहुंचे भारत के CDS अनिल चौहान, सैनिकों के साथ की बातचीत
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना के मध्य कमान क्षेत्र में भारत चीन सीमा के पास परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। सेना ने कहा कि उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र की जमीनी जरूरतों के बारे में जानकारी दी गई। एक बयान में कहा गया, सीडीएस ने जमीन पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की और उनकी व्यावसायिकता और समर्पण की सराहना की और अंतर-एजेंसी सहयोग की सराहना की। चौहान ने क्षेत्र में पौधारोपण भी किया। सेना ने कहा कि भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ग्रे जोन रणनीति के खिलाफ चेतावनी दी थी। इसे भी पढ़ें: Iran में अब कुछ बड़ा करने वाला है इजरायल! लेबनान के पैजर अटैक के बाद iPhone ब्लास्ट का मंडराता खतराग्रे ज़ोन का मतलब है कि कोई देश सीधा हमला नहीं करता है लेकिन इस तरह का डर हमेशा बनाए रखता है। सीधे सैन्य कार्रवाई की जगह, ऐसी कई चीज़ें होती रहती हैं, जिनसे हमले का डर बना रहता है। ताइवान के साथ चीन यही करता रहा है। उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए जनरल द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि राजनयिक चैनलों ने उत्साह
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना के मध्य कमान क्षेत्र में भारत चीन सीमा के पास परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। सेना ने कहा कि उन्हें मौजूदा सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र की जमीनी जरूरतों के बारे में जानकारी दी गई। एक बयान में कहा गया, सीडीएस ने जमीन पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की और उनकी व्यावसायिकता और समर्पण की सराहना की और अंतर-एजेंसी सहयोग की सराहना की। चौहान ने क्षेत्र में पौधारोपण भी किया। सेना ने कहा कि भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ग्रे जोन रणनीति के खिलाफ चेतावनी दी थी।
ग्रे ज़ोन का मतलब है कि कोई देश सीधा हमला नहीं करता है लेकिन इस तरह का डर हमेशा बनाए रखता है। सीधे सैन्य कार्रवाई की जगह, ऐसी कई चीज़ें होती रहती हैं, जिनसे हमले का डर बना रहता है। ताइवान के साथ चीन यही करता रहा है। उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा स्थिति पर चर्चा करते हुए जनरल द्विवेदी ने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि राजनयिक चैनलों ने उत्साहजनक संकेत दिखाए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत संवेदनशील बनी हुई है।
सेना प्रमुख ने कहा कि चीनी सेना यहां आर्टिफिशियल बसावट कर रही है। इसमें कोई समस्या नहीं है, वे अपने इलाके में जो चाहें कर सकते हैं। जहां तक भारतीय सेना की बात है, हमने पहले से ही इस तरह के मॉडल गांव बनाए हैं। उन्होंने कहा कि इससे भी अहम बात यह है कि अब राज्य सरकारों को रिसोर्स डेवलप करने के लिए सशक्त किया जा रहा है।