हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान पांच अक्तूबर से होने है। मतदान शुरू होने से कुछ दिन पहले ही विवादास्पद डेरा सच्चा सौदा संप्रदाय के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल मिली है। इस साल तीसरी बार पैरोल मिली है। वो पैरोल मिलने पर जेल से बाहर आए है। गुरमीत राम रहीम अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के लिए 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं।
बता दें कि पिछले चार वर्षों में यह राम रहीम सिंह को 11वीं बार पैरोल मिली है। उनके पैरोल आवेदन को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंजूरी दे दी और इसे जेल विभाग को भेज दिया। यहां से इसे रोहतक के संभागीय आयुक्त को भेज दिया गया। राम रहीम सिंह को उत्तर प्रदेश के बागपत में स्थानीय प्रशासन से अनिवार्य मंजूरी मिलने के बाद रिहा किया जाएगा, जहां वह पैरोल के दौरान रहेंगे। हालाँकि, उन्हें राज्य में रहने पर रोक लगा दी गई है।
चुनाव आयोग ने बलात्कार के दोषी को पैरोल देने के लिए कड़ी शर्तें तय की हैं, जिनमें चुनावी राज्य हरियाणा में उसके प्रवेश, सार्वजनिक भाषण देने और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध शामिल है। राम रहीम को अपने अनुयायियों के वोटों को प्रभावित करने की क्षमता के कारण लगभग दो दशकों से पंजाब और हरियाणा के राजनीतिक नेताओं और पार्टियों का संरक्षण प्राप्त है।
राम रहीम फिलहाल राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से 250 किलोमीटर दूर रोहतक की उच्च सुरक्षा वाली सुनारिया जेल में बंद है। स्वयंभू धर्मगुरु को दो महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में अगस्त 2017 में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
राम रहीम की पैरोल की शर्तें
हरियाणा जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखे पत्र में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने प्रशासन के 30 सितंबर के पत्र का हवाला दिया, जिसमें दोषी द्वारा 20 दिन की पैरोल मांगते समय दिए गए "आपातकालीन और बाध्यकारी कारणों" से अवगत कराया गया था और उसे छुट्टी देने की अनुमति दी गई थी।
हालांकि, सीईओ ने कहा कि पैरोल इस शर्त के अधीन होगी कि बलात्कार का दोषी हरियाणा का दौरा नहीं करेगा और इस अवधि के दौरान कोई सार्वजनिक भाषण नहीं देगा या किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा, "इसके अलावा, दोषी की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वह चुनाव संबंधी किसी गतिविधि में शामिल न हो।"
पत्र में चेतावनी दी गई है कि यदि वह किसी आपत्तिजनक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो उसकी पैरोल तत्काल रद्द कर दी जानी चाहिए। राज्य में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। राज्य प्रशासन ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण चुनाव आयोग से अनुमति मांगी है।