Gyanvapi mosque case: परिसर की खुदाई करने की अनुमति, अब किस मांग को लेकर अदालत पहुंचा हिंदू पक्ष

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष ने बुधवार को स्थानीय अदालत से एएसआई को सर्वेक्षण के लिए परिसर में खुदाई करने की अनुमति देने का आग्रह किया। न्यायाधीश ने कहा कि वह ज्ञानवापी परिसर के शेष हिस्सों के एएसआई सर्वेक्षण की मांग वाली याचिका पर 18 सितंबर को फिर से सुनवाई करेंगे। मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधि अदालत में मौजूद थे और उम्मीद है कि अगली सुनवाई के दौरान वे इस मामले पर अपनी राय रखेंगे। मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मदन मोहन यादव ने कहा, सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट जुगल शंभू ने हिंदू पक्ष को सुनने के बाद नई तारीख तय की।इसे भी पढ़ें: Putin ने पलट दी बाजी, रूस की तरफ से यूक्रेन पर भीषण हमले करने लगा NATO!यादव ने कहा कि हिंदू पक्ष ने मामले में अपनी दलील पूरी कर ली। हमने एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को सर्वेक्षण के लिए परिसर में खुदाई करने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया है। यादव ने कहा कि हिंदू पक्ष ने तर्क दिया है कि ज्योतिर्लिंग का मूल स्थान ज्ञानवापी परिसर में स्थित कथित मस्जिद के गुंबद के नीचे बीच में है। अरघा से निरंतर जल प्रवाहित होता रहता था जो

Gyanvapi mosque case: परिसर की खुदाई करने की अनुमति, अब किस मांग को लेकर अदालत पहुंचा हिंदू पक्ष
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष ने बुधवार को स्थानीय अदालत से एएसआई को सर्वेक्षण के लिए परिसर में खुदाई करने की अनुमति देने का आग्रह किया। न्यायाधीश ने कहा कि वह ज्ञानवापी परिसर के शेष हिस्सों के एएसआई सर्वेक्षण की मांग वाली याचिका पर 18 सितंबर को फिर से सुनवाई करेंगे। मुस्लिम पक्ष के प्रतिनिधि अदालत में मौजूद थे और उम्मीद है कि अगली सुनवाई के दौरान वे इस मामले पर अपनी राय रखेंगे। मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मदन मोहन यादव ने कहा, सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट जुगल शंभू ने हिंदू पक्ष को सुनने के बाद नई तारीख तय की।

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यादव ने कहा कि हिंदू पक्ष ने मामले में अपनी दलील पूरी कर ली। हमने एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को सर्वेक्षण के लिए परिसर में खुदाई करने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया है। यादव ने कहा कि हिंदू पक्ष ने तर्क दिया है कि ज्योतिर्लिंग का मूल स्थान ज्ञानवापी परिसर में स्थित कथित मस्जिद के गुंबद के नीचे बीच में है। अरघा से निरंतर जल प्रवाहित होता रहता था जो ज्ञानवापी कुंड में एकत्रित होता था। ऐसा माना जाता था कि इस पानी को पीने से ज्ञान मिलता है। उन्होंने कहा, इसलिए इस तीर्थ को 'ज्ञानोदय तीर्थ' भी माना जाता है।

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पिछली सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकील मांग कर चुके हैं कि इस पानी की खोज जल इंजीनियरिंग, भूवैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों से कराई जाए। यादव ने कहा कि इसके अलावा ज्ञानोदय तीर्थ से मिले 'शिवलिंग', जिसे मुस्लिम पक्ष 'वुजुखाना' बता रहा है, उसकी भी जांच होनी चाहिए कि यह 'शिवलिंग' है या फव्वारा।

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