Cervical Cancer का पता लगाने की किफायती HPV परीक्षण विधि विकसित करने में जुटा Delhi AIIMS

नयी दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने सर्विकल कैंसर (गर्भाशय की ग्रीवा का कैंसर) के लिए किफायती एचपीवी परीक्षण विधि विकसित करने के वास्ते शुक्रवार को एक बहु-केंद्रीय अध्ययन शुरू किया। एम्स ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च इन कैंसर’ (आईएआरसी) और ‘डीबीटी-बीआईआरएसी ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया’के सहयोग से इसे शुरू किया है। एम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की पूर्व प्रमुख और कार्यक्रम की मुख्य समन्वयक डॉ. नीरजा भाटला ने कहा कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) परीक्षण की तीन स्वदेशी विधि के लिए सत्यापन अध्ययन दिल्ली एम्स, नोएडा स्थित ‘राष्ट्रीय कैंसर संस्थान रोकथाम अनुसंधान’ और मुंबई के राष्ट्रीय प्रजनन और बाल स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान में होंगे। फिलहाल एचपीवी का परीक्षण महंगा है और इसके लिए विस्तृत प्रयोगशाला व्यवस्था की आवश्यकता है। ‘ग्लोबोकैन 2022’ के अनुसार दुनिया भर में अनुमानित तौर पर 6,63,301 महिलाओं में सर्विकल कैंसर का पता चला और लगभग 3,48,874 महिलाओं की इस बीमारी से मृत्यु हो गई। इसके 80 फीसदी मरीज भारत जैसे निम्न-मध

नयी दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने सर्विकल कैंसर (गर्भाशय की ग्रीवा का कैंसर) के लिए किफायती एचपीवी परीक्षण विधि विकसित करने के वास्ते शुक्रवार को एक बहु-केंद्रीय अध्ययन शुरू किया। एम्स ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ‘इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च इन कैंसर’ (आईएआरसी) और ‘डीबीटी-बीआईआरएसी ग्रैंड चैलेंजेज इंडिया’के सहयोग से इसे शुरू किया है। 

एम्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की पूर्व प्रमुख और कार्यक्रम की मुख्य समन्वयक डॉ. नीरजा भाटला ने कहा कि ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) परीक्षण की तीन स्वदेशी विधि के लिए सत्यापन अध्ययन दिल्ली एम्स, नोएडा स्थित ‘राष्ट्रीय कैंसर संस्थान रोकथाम अनुसंधान’ और मुंबई के राष्ट्रीय प्रजनन और बाल स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान में होंगे। फिलहाल एचपीवी का परीक्षण महंगा है और इसके लिए विस्तृत प्रयोगशाला व्यवस्था की आवश्यकता है। 

‘ग्लोबोकैन 2022’ के अनुसार दुनिया भर में अनुमानित तौर पर 6,63,301 महिलाओं में सर्विकल कैंसर का पता चला और लगभग 3,48,874 महिलाओं की इस बीमारी से मृत्यु हो गई। इसके 80 फीसदी मरीज भारत जैसे निम्न-मध्यम आय वाले देशों में हैं। डॉ. भाटला ने कहा कि भारत में प्रति वर्ष सर्विकल कैंसर के लगभग 1,27,526 नए मामले आते हैं और इससे हर साल 79,906 मौतें होती हैं।

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