Buldhana में फिर फहराया Shiv Sena ने जीत का परचम, महाविकास अघाड़ी के लिए विधानसभा चुनाव में अस्तित्व की लड़ाई

बुलढाना महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जहां 1999 से लगातार चला आ रहा शिवसेना का विजय रथ अभियान इस बार के चुनाव में भी जारी रहा है। एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना के प्रतापराव जाधव पर इस क्षेत्र के मतदाताओं ने लगातार चौथी बार भरोसा जताते हुए उन्हें संसद में पहुंचाया है। अमरावती संभाग में आने वाले इस इलाके में जिला मुख्‍यालय होने के कारण यहां सभी सरकारी विभागों के दफ्तर हैं। यहां ज्‍यादातर लोग मराठी बोलते हैं। यह क्षेत्र प्रदेश की राजधानी मुंबई से करीब 492 किलोमीटर दूर है जबकि राष्‍ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली से 1204 किलोमीटर दूर है।बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से बुलढाणा जिले के अंतर्गत ही आता है। जो बुलढाणा, चिखली, सिंदखेड़ राजा, मेहकर, खामगांव और जलगाँव (जामोद) विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बनाया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र में 'महायुति गठबंधन' बहुत मजबूत है। उसके पास 6 में से 5 सीट हैं। तो वहीं, एक सीट कांग्रेस के पास है। इस लोकसभा क्षेत्र की बुलढाणा विधानसभा सीट पर कांग्रेस 1952 से लेकर 1990 तक लगातार अपराजित रही थी। इसके बाद शिवसेना ने उसके इस जीत के रथ को थामा

Buldhana में फिर फहराया Shiv Sena ने जीत का परचम, महाविकास अघाड़ी के लिए विधानसभा चुनाव में अस्तित्व की लड़ाई
बुलढाना महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। जहां 1999 से लगातार चला आ रहा शिवसेना का विजय रथ अभियान इस बार के चुनाव में भी जारी रहा है। एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना के प्रतापराव जाधव पर इस क्षेत्र के मतदाताओं ने लगातार चौथी बार भरोसा जताते हुए उन्हें संसद में पहुंचाया है। अमरावती संभाग में आने वाले इस इलाके में जिला मुख्‍यालय होने के कारण यहां सभी सरकारी विभागों के दफ्तर हैं। यहां ज्‍यादातर लोग मराठी बोलते हैं। यह क्षेत्र प्रदेश की राजधानी मुंबई से करीब 492 किलोमीटर दूर है जबकि राष्‍ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली से 1204 किलोमीटर दूर है।

बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से बुलढाणा जिले के अंतर्गत ही आता है। जो बुलढाणा, चिखली, सिंदखेड़ राजा, मेहकर, खामगांव और जलगाँव (जामोद) विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बनाया गया है। इस लोकसभा क्षेत्र में 'महायुति गठबंधन' बहुत मजबूत है। उसके पास 6 में से 5 सीट हैं। तो वहीं, एक सीट कांग्रेस के पास है। इस लोकसभा क्षेत्र की बुलढाणा विधानसभा सीट पर कांग्रेस 1952 से लेकर 1990 तक लगातार अपराजित रही थी। इसके बाद शिवसेना ने उसके इस जीत के रथ को थामा था। इसके बाद बारी-बारी से शिवसेना और कांग्रेस ही यहां से चुनाव जीतती रही हैं। वर्तमान में एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना के संजय गायकवाड यहां से विधायक हैं।

इस लोकसभा क्षेत्र की चिखली विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच ही हमेशा लड़ाई रही है। 2019 में अंतिम बार हुए चुनाव में बीजेपी की श्वेता महाले चुनाव जीतने में सफल रही थीं। तो वहीं, उनके पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राहुल बोंद्रे भी 10 साल तक इस क्षेत्र की बतौर विधायक सेवा कर चुके हैं। 1978 के चुनाव से अस्तित्व में आया सिंदखेड़ राजा विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र में एनसीपी के बड़े नेता राजेंद्र शिंगणे के कारण भी जाना जाता है। विधायक शिंगणे इस क्षेत्र से पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं। 1995 के बाद से वे सिर्फ 2014 के चुनाव में शिवसेना के शशिकांत खेड़कर से चुनाव हारे थे। 

महाराष्ट्र की बुलढाणा लोकसभा क्षेत्र की मेहकर विधानसभा सीट राज्य में शिवसेना के सबसे मजबूत गढ़ों में से एक रही है। जहां पार्टी 1995 के बाद से निरंतर चुनाव जीतती चली आ रही है। वर्तमान में एकनाथ शिंदे के गुट वाली पार्टी के संजय रायमुलकर लगातार तीन बार से विधायक हैं। उनके पहले भी शिवसेना के ही प्रतापराव जाधव भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति वर्ग के लिए भी आरक्षित है। महाराष्ट्र विधानसभा में 26 नंबर से जाना जाने वाला खामगांव विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने हमेशा से ही बीजेपी और कांग्रेस पर ही अपना भरोसा जताया है। फिलहाल बीजेपी के आकाश फुंडकर यहां से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने यह सीट 2014 के चुनाव में कांग्रेस के दिलीप कुमार सानंदा से छीनी थी। महाराष्ट्र में 2008 के बाद हुए परिसीमन से अस्तित्व में आया जलगांव या जामोद विधानसभा क्षेत्र हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी के पास रहा है। पार्टी के नेता संजय कुटे वर्तमान में इस क्षेत्र से विधानसभा पहुंच रहे हैं।

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