Border Area Development Conclave को राजनाथ ने किया संबोधित, बोले- सीमा क्षेत्रों के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा क्षेत्र विकास सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमने सीमा सड़क संगठन के साथ मिलकर सीमावर्ती क्षेत्रों में साढ़े आठ हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें बनाई हैं। इसके अलावा अगर मैं पुलों की बात करूं तो इन वर्षों में हमने लगभग चार सौ स्थायी पुलों का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि अटल टनल हो या सेला टनल, या शिकू-ला टनल जो दुनिया की सबसे ऊंची टनल बनने जा रही है, ये सभी सीमा क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। इसे भी पढ़ें: Pakistan जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बंद कर दे तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं: रक्षा मंत्री Rajnath Singhराजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा क्षेत्र के विकास के लिए, हमारी सरकार ने 220 किलो-वोल्ट श्रीनगर-लेह बिजली लाइन का संचालन किया है, जिसके कारण लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड से जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और पुलों का एक नेटवर्क बनाकर, हम हमने न केवल इन संवेदनशील क्षेत्रों में त्वरित सैन्य तैनाती सुनिश्चित की है, बल्कि हमने यह भी सुनिश्चित कि
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा क्षेत्र विकास सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमने सीमा सड़क संगठन के साथ मिलकर सीमावर्ती क्षेत्रों में साढ़े आठ हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें बनाई हैं। इसके अलावा अगर मैं पुलों की बात करूं तो इन वर्षों में हमने लगभग चार सौ स्थायी पुलों का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि अटल टनल हो या सेला टनल, या शिकू-ला टनल जो दुनिया की सबसे ऊंची टनल बनने जा रही है, ये सभी सीमा क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा क्षेत्र के विकास के लिए, हमारी सरकार ने 220 किलो-वोल्ट श्रीनगर-लेह बिजली लाइन का संचालन किया है, जिसके कारण लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड से जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और पुलों का एक नेटवर्क बनाकर, हम हमने न केवल इन संवेदनशील क्षेत्रों में त्वरित सैन्य तैनाती सुनिश्चित की है, बल्कि हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन सड़कों के माध्यम से, सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग देश की बाकी आबादी से आसानी से जुड़ सकें।
रक्षा मंत्री ने कहा कि 2020 से 2023 तक लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन 30% बढ़ गया है। पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर में पर्यटन में भी वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि इससे रोजगार सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में मदद मिली है। जब सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक विकास होगा तो हमें रिवर्स माइग्रेशन सहित कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।