Bengal Political Violence: बंगाल में होने वाली राजनीतिक हिंसा की होगी जांच, भाजपा ने बनाई कमेटी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में कथित राजनीतिक हिंसा की जांच के लिए शनिवार को चार सदस्यीय समिति का गठन किया। पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया है। चार सदस्यीय समिति में बिप्लब कुमार देब, रविशंकर प्रसाद, बृज लाल और कविता पाटीदार, सभी भाजपा सांसद शामिल हैं, और देब इसके संयोजक हैं। भगवा पार्टी ने एक बयान में कहा कि ममता बनर्जी मूकदर्शक बनी रहती हैं, जबकि उनकी पार्टी के अपराधी विपक्षी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर हमला करते हैं और उन्हें डराते-धमकाते हैं। इसे भी पढ़ें: West Bengal Congress में सबकुछ ठीक नहीं, अधीर रंजन ने दिया प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा!बयान में कहा गया है कि यहां तक कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी इन ज्यादतियों पर ध्यान दिया है और सीएपीएफ की तैनाती 21 जून तक बढ़ा दी है और मामले को 18 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। भाजपा ने कहा कि पूरे देश में लोकसभा चुनाव हुए और पश्चिम बंगाल को छोड़कर कहीं से भी राजनीतिक हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई। भाजपा ने आरोप लगाया, ''यह चुनाव के बाद की हिंसा की चपेट में है, जैसा कि हमने 2
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में कथित राजनीतिक हिंसा की जांच के लिए शनिवार को चार सदस्यीय समिति का गठन किया। पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया है। चार सदस्यीय समिति में बिप्लब कुमार देब, रविशंकर प्रसाद, बृज लाल और कविता पाटीदार, सभी भाजपा सांसद शामिल हैं, और देब इसके संयोजक हैं। भगवा पार्टी ने एक बयान में कहा कि ममता बनर्जी मूकदर्शक बनी रहती हैं, जबकि उनकी पार्टी के अपराधी विपक्षी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर हमला करते हैं और उन्हें डराते-धमकाते हैं।
बयान में कहा गया है कि यहां तक कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी इन ज्यादतियों पर ध्यान दिया है और सीएपीएफ की तैनाती 21 जून तक बढ़ा दी है और मामले को 18 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। भाजपा ने कहा कि पूरे देश में लोकसभा चुनाव हुए और पश्चिम बंगाल को छोड़कर कहीं से भी राजनीतिक हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई। भाजपा ने आरोप लगाया, ''यह चुनाव के बाद की हिंसा की चपेट में है, जैसा कि हमने 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद देखा।''
भाजपा ने कहा कि देशभर में लोकसभा चुनाव हुए, लेकिन पश्चिम बंगाल को छोड़कर कहीं से भी राजनीतिक हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई। भाजपा ने आरोप लगाया, ‘‘राज्य चुनाव बाद की हिंसा की चपेट में है। इसी तरह की हिंसा हमने 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद देखा थी। भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी को पुलिस ने बृहस्पतिवार को राजभवन में प्रवेश करने से रोक दिया। अधिकारी पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों के साथ राज्यपाल सी वी आनंद बोस से मिलने जा रहे थे। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने यह जानकारी दी।
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अधिकारी ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह उन्हें रोकने के कोलकाता पुलिस के मनमाने फैसले के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। वह राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर न्याय की मांग करने वाले थे ताकि वे घर लौट सकें। जैसे ही अधिकारी राजभवन परिसर में प्रवेश करने वाले थे उनकी कार और चुनाव बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को ले जा रहे अन्य वाहनों को धारा 144 के लागू होने का हवाला देते हुए रोक दिया गया।