ASI जगन्नाथ मंदिर ‘रत्न भंडार’ का तकनीकी सर्वेक्षण शनिवार से फिर शुरू करेगा: SJTA
भुवनेश्वर । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) शनिवार से पुरी में 12 वीं सदी के एतिहासिक मंदिर के ‘रत्न भंडार’ का पुरातात्विक सर्वेक्षण करेगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने यह जानकारी दी। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि सर्वेक्षण 21, 22 और 23 सितंबर को अपराह्न एक बजे से शाम छह बजे तक किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। सर्वेक्षण कार्य के दौरान अपराह्न एक बजे से शाम छह बजे तक मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे।’’ सूत्रों के अनुसार, इससे पहले 18 सितंबर को एसजेटीए ने एएसआई महानिदेशक को पत्र लिखकर दशहरा और कार्तिक माह में देवताओं के विशेष अनुष्ठानों के मद्देनजर रत्न भंडार का तकनीकी सर्वेक्षण 24 सितंबर तक पूरा करने का अनुरोध किया था। उन्होंने एएसआई से तय समय में सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करने का भी अनुरोध किया। एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक जाह्नवीज शर्मा के नेतृत्व में 17 सदस्यीय तकनीकी टीम ने रत्न भंडार का पहले चरण में प्रारंभिक निरीक्षण किया था। टीम में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीए
भुवनेश्वर । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) शनिवार से पुरी में 12 वीं सदी के एतिहासिक मंदिर के ‘रत्न भंडार’ का पुरातात्विक सर्वेक्षण करेगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने यह जानकारी दी। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि सर्वेक्षण 21, 22 और 23 सितंबर को अपराह्न एक बजे से शाम छह बजे तक किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। सर्वेक्षण कार्य के दौरान अपराह्न एक बजे से शाम छह बजे तक मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे।’’
सूत्रों के अनुसार, इससे पहले 18 सितंबर को एसजेटीए ने एएसआई महानिदेशक को पत्र लिखकर दशहरा और कार्तिक माह में देवताओं के विशेष अनुष्ठानों के मद्देनजर रत्न भंडार का तकनीकी सर्वेक्षण 24 सितंबर तक पूरा करने का अनुरोध किया था। उन्होंने एएसआई से तय समय में सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करने का भी अनुरोध किया। एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक जाह्नवीज शर्मा के नेतृत्व में 17 सदस्यीय तकनीकी टीम ने रत्न भंडार का पहले चरण में प्रारंभिक निरीक्षण किया था।
टीम में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) हैदराबाद के विशेषज्ञ भी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान उन्होंने ‘लेजर स्कैनिंग’ की तथा रत्न भंडार का विस्तृत मूल्यांकन करने के लिए टीम ने उच्च तकनीक वाले यंत्र और अन्य वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल किया। निरीक्षण के दौरान बुधवार को एएसआई टीम और एसजेटीए के मुख्य प्रशासक के अलावा रत्न भंडार सूची समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ भी मौजूद थे।