हिमाचल प्रदेश सरकार ने 15 वर्ष पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की योजना की घोषणा की। राज्य सरकार ने परिवहन विभाग के साथ मिलकर इसकी तैयारी की है। अब राज्य सरकार राज्य के हर जिले में एक-एक 12 स्क्रैप सेंटर स्थापित करेगी।
हिमाचल प्रदेश में नई स्क्रैपेज नीति कब लागू होगी?
नई नीति इस वर्ष अक्टूबर से लागू होने की संभावना है। इस नई नीति के तहत, कबाड़ हो चुके वाहनों के किसी भी स्पेयर पार्ट्स का पुनः उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, पारदर्शिता और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए स्क्रैप किए गए वाहनों का व्यापक रिकॉर्ड रखा जाएगा। नई नीति के माध्यम से सरकार का लक्ष्य पुराने वाहनों के पुर्जों के निरंतर उपयोग को रोकना है, जो अक्सर मैकेनिकों के माध्यम से बाजार में पुनः प्रवेश कर जाते हैं। इससे सड़कों से पुराने और संभावित खतरनाक वाहनों को हटाने के सरकार के प्रयासों को झटका लगता है।
हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने कहा, 'न केवल हिमाचल प्रदेश में बल्कि पूरे देश में 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। राज्य में इन वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) रद्द किए जा रहे हैं। हम स्क्रैप सेंटर खोलने की प्रक्रिया में हैं और इसके लिए निविदा प्रक्रिया अभी चल रही है। जिन लोगों ने स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए आवेदन किया है, उनके आवेदनों की जल्द ही समीक्षा की जाएगी और चयनित फर्मों को काम आवंटित किया जाएगा।”
हिमाचल प्रदेश सरकार ने और क्या घोषणा की है?
पुराने वाहनों को हटाने को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने नए वाहनों के पंजीकरण पर छूट की घोषणा की। नई नीति के तहत गैर-वाणिज्यिक वाहनों को स्क्रैप करने वालों को अपने नए वाहन के पंजीकरण पर 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी और वाणिज्यिक वाहनों के मामले में यह छूट 50 प्रतिशत तक होगी।