भारत की विकास गाथा में योगदान करने के लिए सशस्त्र बलों से अपेक्षाएं भविष्य में बढ़ेंगी: General Pandey
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार को कहा कि विस्तारित रणनीतिक परिप्रेक्ष्य में भारत के हितों के बढ़ने के मद्देनजर सशस्त्र बलों के लिए यह जरूरी है कि वे न केवल सुरक्षा क्षेत्र में, बल्कि देश के विकास में योगदान देने के लिए भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति सक्रिय रहें। यहां मानेकशॉ सेंटर में आयोजित लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत स्मृति व्याख्यान में अपने संबोधन में जनरल पांडे ने महान अधिकारी को एक दूरदर्शी बताया। उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ‘विक्टोरिया क्रॉस’ से सम्मानित किया गया था। सेना प्रमुख ने कहा कि सात दशक पहले जनरल भगत द्वारा उत्तरी प्रतिद्वंद्वता को लेकर जताया गया पूर्वानुमान आज सही साबित हुआ है। अपने संबोधन में जनरल पांडे ने कहा कि राष्ट्र आज अपने नागरिकों की बढ़ती आकांक्षाओं के साथ प्रगति और विकास की एक उल्लेखनीय यात्रा कर रहा है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की यह जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि देश की सुरक्षा किसी भी तरह से प्रभावित न हो ताकि मुल्क की प्रगति निर्बाध रूप से जारी रहे सके। उन्होंने कहा कि भारत की विकास गाथा में योगदान करने के लिए सशस्त्र बल

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार को कहा कि विस्तारित रणनीतिक परिप्रेक्ष्य में भारत के हितों के बढ़ने के मद्देनजर सशस्त्र बलों के लिए यह जरूरी है कि वे न केवल सुरक्षा क्षेत्र में, बल्कि देश के विकास में योगदान देने के लिए भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति सक्रिय रहें।
यहां मानेकशॉ सेंटर में आयोजित लेफ्टिनेंट जनरल पीएस भगत स्मृति व्याख्यान में अपने संबोधन में जनरल पांडे ने महान अधिकारी को एक दूरदर्शी बताया। उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ‘विक्टोरिया क्रॉस’ से सम्मानित किया गया था।
सेना प्रमुख ने कहा कि सात दशक पहले जनरल भगत द्वारा उत्तरी प्रतिद्वंद्वता को लेकर जताया गया पूर्वानुमान आज सही साबित हुआ है। अपने संबोधन में जनरल पांडे ने कहा कि राष्ट्र आज अपने नागरिकों की बढ़ती आकांक्षाओं के साथ प्रगति और विकास की एक उल्लेखनीय यात्रा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की यह जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि देश की सुरक्षा किसी भी तरह से प्रभावित न हो ताकि मुल्क की प्रगति निर्बाध रूप से जारी रहे सके। उन्होंने कहा कि भारत की विकास गाथा में योगदान करने के लिए सशस्त्र बलों से अपेक्षाएं भविष्य में बढ़ेंगी।
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