अदालत ने केजरीवाल के सहयोगी Bibhav Kumar की जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली की एक सत्र अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज करते हुए कहा कि यदि आरोपी को रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने का आरोप है। कुमार ने दूसरी बार जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। न्यायाधीश एकता गौबा मान ने कहा, ‘‘जांच अभी शुरुआती चरण में है और पीड़िता के मन में अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर भी आशंका है क्योंकि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। आवेदक या आरोपी बिभव कुमार के गवाहों को प्रभावित करने की आशंका है।’’ न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘इसलिए, मुझे वर्तमान जमानत याचिका में कोई दम नजर नहीं आता।’’ कुमार को 31 मई को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने संबंधी उनकी याचिका की पोषणीयता पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। उन्हे

दिल्ली की एक सत्र अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज करते हुए कहा कि यदि आरोपी को रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने का आरोप है। कुमार ने दूसरी बार जमानत के लिए अदालत का रुख किया था।

न्यायाधीश एकता गौबा मान ने कहा, ‘‘जांच अभी शुरुआती चरण में है और पीड़िता के मन में अपनी सुरक्षा के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को लेकर भी आशंका है क्योंकि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। आवेदक या आरोपी बिभव कुमार के गवाहों को प्रभावित करने की आशंका है।’’

न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘इसलिए, मुझे वर्तमान जमानत याचिका में कोई दम नजर नहीं आता।’’ कुमार को 31 मई को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने संबंधी उनकी याचिका की पोषणीयता पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें उसी दिन मजिस्ट्रेट अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

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